भारत-रूस S-400 मिसाइल डील : नई दिल्ली पर प्रतिबंध या छूट पर असमंजस  में अमेरिका

नई दिल्ली: भारत-रूस के बीच रक्षा उपकरणों की डील हो रही है. भारत  रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील (S-400 Missile Defence System Deal)कर रहा है.  भारत-रूस रक्षा सौदे को लेकर अमेरिका बहुत सहज नहीं है. लेकिन अमेरिका इस सौदे को लेकर असमंजस में है. अमेरिका यह तय नहीं कर पा रहा है कि  CATSAA कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाए या इससे छूट दिया जाए. अमेरिका इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस बात की जानकारी दी. दरअसल, काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CATSAA) अमेरिकी प्रशासन का ऐसा कानून है जिसमें ईरान, उत्तर कोरिया या रूस के साथ महत्वपूर्ण लेन-देन करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं.

यह एक सख्त अमेरिकी कानून है जो यूएस प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है जो रूस से प्रमुख रक्षा उपकरण खरीदते हैं. यह कानून 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के जवाब में लाया गया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “हम सभी देशों से रूसी हथियार प्रणालियों के लिए बड़े नए लेन-देन से बचने का आग्रह करते हैं और विशेष रूप से इस मौजूदा वक्त में जब रूस यूक्रेन के साथ क्या कर रहा है. ये पूरी दुनिया को पता है. हमने अभी तक CATSAA कानून के तहत संभावित प्रतिबंधों या संभावित छूट पर कोई निर्धारण नहीं किया है.”

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन का यह बयान सोमवार को 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद आया है. इसमें रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ उनके भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए हैं.

अक्टूबर 2018 में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद भारत ने S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की 5 यूनिट को खरीदने के लिए रूस के साथ $ 5 बिलियन के सौदे पर साइन किए थे. इसके बाद भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों की संभावना बढ़ गई थी. इससे पहले अमेरिका रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों के एक बैच की खरीद के लिए CAATSA के तहत तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुका है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here