हरियाणा के 5 जिलों में किसान महापंचायत से पहले इंटरनेट सेवा बंद

करनाल में 7 सितंबर को होने वाली किसानों की महापंचायत और उसके बाद अनिश्चितकाल के लिए मिनी सचिवालय के घेराव के ऐलान के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 5 जिलों में सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद कर दी है। जिन जिलों में ये सेवाएं बंद की गई है उनमें करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद शामिल है। प्रदेश सरकार के गृह सचिव-1 डॉ. बलकार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन पांचों जिलों में सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेगी।

इससे पहले प्रदेश सरकार ने सोमवार दोपहर लगभग साढ़े 3 बजे अकेले करनाल जिले में इंटरनेट सेवाएं और बल्क SMS सेवा बंद करने का आदेश जारी किया था और उसके 15 मिनट बाद ही जिले में ये सेवाएं बंद कर दी गईं जबकि आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि ये सेवाएं रात 12 बजे से बंद की जानी हैं।

उधर किसानों की महापंचायत के मद्देनजर करनाल जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है। किसानों को मिनी सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पैरामिल्ट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां मौजूद रहेंगी। चंडीगढ़-नई दिल्ली नेशनल हाईवे पर लोगों को परेशानी से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने ट्रैफिक डाइवर्ट करने का फैसला किया है। इसके तहत जीटी रोड पर दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक को पानीपत से और चंडीगढ़ की तरफ से आने वाले ट्रैफिक को कुरुक्षेत्र से ही डाइवर्ट कर दिया जाएगा। वाहनों के आने-जाने के लिए अलग-अलग 4 रूट बनाए गए हैं।

पैरामिलिट्री फोर्स की 10 कंपनियां बुलाईं
करनाल के एसपी गंगाराम पुनिया ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस पूरी मुस्तैद है। जिले में पुलिस की 30 कंपनियां नियुक्त की गई हैं। पैरामिलिट्री फोर्स की 10 कंपनियां अलग से लगाई गई हैं। 5 SP और 25 HPS कम DSP की ड्यूटी लगाई है। इनके साथ वाटर कैनन और ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।

अफवाह न फैले, इसलिए इंटरनेट बंद, शहर में 40 जगह नाके
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि सोमवार रात 12 बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करवाने की सिफारिश की गई है, ताकि सोशल मीडिया पर किसी तरह की कोई अफवाह न फैलाई जा सके। इंटरनेट के साथ-साथ बल्क में SMS भेजने पर भी रोक लगाई गई है। पुलिस-प्रशासन ने सोमवार रात से ही पूरे करनाल शहर को सील करने की तैयारी कर ली है। 40 जगह नाके लगाए जाएंगे और सभी नाकों पर पुलिस जवानों के साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स तैनात रहेगी।

CBSE स्कूल रहेंगे बंद
करनाल जिले में 7 सितंबर को CBSE स्कूल बंद रहेंगे और उनमें ऑनलाइन क्लासें ही लगेंगी। इससे बच्चों की पढ़ाई खराब नहीं होगी और उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

किसान संगठनों को कोर्ट का नोटिस
करनाल जिला कोर्ट की तरफ से सोमवार को 8 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया। नोटिस में गुरनाम सिंह चढुनी ग्रुप, अजय राणा ग्रुप, रतनमान ग्रुप, गन्ना समिति, भाकियू, भाकिसं वगैरह को आदेश दिया गया है कि वह कानून को हाथ में न लें और न ही किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं। कोर्ट की ओर से करनाल के डीसी व एसपी को भी नोटिस जारी किया गया कि महापंचायत की वजह से आमजन को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इससे जुड़ी उचित व्यवस्था की जाए।

लोगों से नेशनल हाईवे पर न आने की अपील
डीसी निशांत कुमार यादव के आदेश के अनुसार, किसानों की महापंचायत की वजह से नई दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे (नेशनल हाईवे-44) पर करनाल जिले की सीमा में ट्रैफिक बाधित हो सकता है। ऐसे में आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वह बेहद जरूरी होने पर ही करनाल जिले की सीमा में इस हाईवे का इस्तेमाल करें। यदि जरूरी काम की वजह से लोगों को इस हाईवे पर आना पड़े और कहीं पर किसी वजह से ट्रैफिक अवरुद्ध हो तो जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से तय किए वैकल्पिक रूट का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि हाईवे पर किसी तरह की कोई बाधा हो तो ट्रैफिक थाना प्रभारी से उनके मोबाइल नम्बर-9729990722 और सिटी ट्रैफिक इंचार्ज से उनके मोबाइल नम्बर- 9729990723 पर संपर्क किया जा सकता है।

भाकियू और जिला प्रशासन की बैठक बेनतीजा
इससे पहले महापंचायत की कॉल देने वाली भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेताओं और प्रशासनिक अफसरों के बीच सोमवार दोपहर को करनाल मिनी सचिवालय में बैठक हुई जो बेनतीजा रही। एक घंटे चली इस बैठक में जिला प्रशासन की ओर से डीसी निशांत कुमार यादव, एसपी गंगाराम पुनिया और किसानों की ओर से भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जिला प्रधान जगदीप औलख समेत 6 सदस्य शामिल हुए। बैठक के बाद चढ़ूनी ने कहा कि जिला प्रशासन ने 30 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज में मारे गए किसान सुशील काजल के बेटे को डीसी रेट पर नौकरी देने का ऑफर किया है जो स्वीकार करने योग्य नहीं है। उनकी अन्य मांगों पर जिला प्रशासन ने कोई चर्चा नहीं की। इसलिए तय प्रोग्राम के अनुसार किसान 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में इकट्ठा होंगे और वहां से प्रदर्शन करते हुए मिनी सचिवालय पहुंचकर घेराव करेंगे। महापंचायत के लिए अलग-अलग एरिया से किसानों के करनाल पहुंचने की पूरी योजना बना ली गई है।

डीसी ने किसान नेताओं को बताया सरकार का पक्ष
करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि उन्होंने भाकियू नेताओं को बुलाकर उनकी मांगों पर प्रदेश सरकार की तरफ से आए पक्ष की जानकारी दे दी है। सरकार किसानों की किसी मांग को मानने के लिए तैयार नहीं है। बसताड़ा टोल पर किसानों पर लाठीचार्ज कानून का उल्लंघन करने पर किया गया था और कानून हाथ में लेने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता।

अनिश्चितकाल के लिए घेरेंगे सचिवालय
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की बात लगातार अनसुना कर रही है। वह किसानों की मांगों को केंद्र तक पहुंचाने की जगह उन पर लाठीचार्ज कर रही है। करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज की कई घटनाएं हो चुकी है जबकि प्रदेश के अन्य किसी जिले में ऐसा नहीं हो रहा। जाहिर है ये सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि 7 सितंबर की महापंचायत के लिए भाकियू ने पूरी तैयारी कर ली है। महापंचायत के बाद सचिवालय का घेराव किया जाएगा जो अनिश्चितकाल तक चलेगा।

प्रदेश के किसान संगठन दिखाएंगे एकजुटता
घरौंडा में 30 अगस्त को हुई महापंचायत में फैसला लिया गया था कि हरियाणा के सभी किसान संगठन एकजुट होंगे। हरियाणा के किसान संगठनों के एक मंच पर आकर अपने मुद्दों पर चर्चा करने और अपना मांगपत्र संयुक्त किसान मोर्चा के सामने रखने पर भी सहमति बनी थी। हालांकि तब चढूनी ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा जो आदेश करेगा, उसका पालन किया जाएगा। आगे से कोई किसान संगठन प्रदेश में अपने लेवल पर अलग आंदोलन नहीं चलाएगा।

बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज : कब क्या हुआ
पुलिस ने 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था जिसमें कई किसान घायल हो गए थे। आरोप है कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल ने अगले दिन दम तोड़ दिया था। उसके बाद 30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत कर हरियाणा सरकार से तीन मांगें की थी। इनमें सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा व एक मेंबर को सरकारी नौकरी देना, घायल किसानों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा और लाठीचार्ज के आदेश देने वाले SDM, DSP व दूसरे पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग शामिल थी। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 6 सितंबर तक उनकी ये तीनों मांगे पूरी नहीं की गई तो 7 सितंबर को करनाल में दोबारा महापंचायत कर मिनी सचिवालय का घेराव किया जाएगा।

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