जम्मू- कश्मीर: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गृहमंत्री की बैठक

कश्मीर में इन दिनों तनाव का माहौल है। लगातार हो रही टारगेट किलिंग के खिलाफ लोगों में भारी रोष है। वहीं, आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश की सुरक्षा को लेकर उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं। दूसरी तरफ, जम्मू से कश्मीर संभाग तक आतंकवाद और टारगेट किलिंग के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। घाटी से बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित और अन्य अल्पसंख्यक कर्मचारी जम्मू की ओर पलायन कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें कश्मीर से बाहर ट्रांसफर किया जाए। उनका कहना है कि वे कश्मीर में डर के साये में नौकरी नहीं करना चाहते हैं।

उच्चस्तरीय बैठक का दूसरा दौर शुरू

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से नई दिल्ली में बुलाई बैठक का दूसरा दौरा शुरू हो गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी शामिल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर पिछले 15 दिनों के अंदर ये दूसरी बैठक हो रही है। इसमें हो रही लक्षित हत्याएं से लेकर जून के अंत में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा होने जा रही है। बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

कश्मीरी पंडितों ने खीर भवानी मेले का किया बहिष्कार

जम्मू के जगती टाउनशिप में माता खीर भवानी अस्थान ट्रस्ट जगती ने हाल ही में कहा है कि वे इस बार क्षीर भवानी मेले में नहीं शामिल होंगे। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से खास कर कश्मीर पंडितों से भी खीर भवानी मेले में नहीं जाने की आह्वान किया है। अस्थान ट्स्ट का कहना है कि कश्मीर में लगातार कश्मीरी पंडितों एवं अन्य निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और सरकार अल्पसंख्यक कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि उन्हें घाटी से बाहर तैनात किया जाना चाहिए। इस साल आठ जून को कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला में खीर भवानी मेले का आयोजन होना है। कोरोना महामारी के चलते दो साल क्षीर भवानी मेला आयोजित नहीं हो पाया था। 

संजय राउत का केंद्र पर निशाना
शिवसेना सांसद ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि 370 हटाने के बाद भी कश्मीर के हालात में कोई सुधार नहीं है। राउत ने कहा कि गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के साथ आपात बैठक बुलाई। सरकार कोशिश कर रही है लेकिन आज फिर वही स्थिति है जो 1990 में थी। सरकार ने कश्मीरी पंडितों के घर वापसी की बात की थी लेकिन 370 हटाने के बाद भी कश्मीर के हालात में कोई सुधार नहीं है।

Jammu Protest

कश्मीर छोड़ जम्मू पहुंचे कर्मचारी, सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी

कश्मीर से पलायन कर जम्मू लौटे कर्मचारियों ने शुक्रवार को ऑल जम्मू बेस्ड रिजवर्ड केटेगरी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने रजनी बाला, राहुल भट्ट, विजय कुमार, रंजीत सिंह अमर रहे के नारे लगाए। कर्मचारियों का कहना है कि घाटी में डर का माहौल है। वे वहां वापस जाने वाले नहीं हैं। वे कश्मीर में नौकरी नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें जम्मू में तैनात किया जाना चाहिए। अगर सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो वे संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे और उन्होंने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी भी दी।

srinagar protest

श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर सुलह मोर्चा ने किया प्रदर्शन

श्रीनगर के घंटाघर के पास जम्मू-कश्मीर सुलह मोर्चा ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने हिंदू, मुस्लिम, सिख इतिहाद जिंदाबाद के नारे लगाए। मोर्चा के अध्यक्ष संदीप मावा ने कहा कि टारगेट किलिंग की जितनी निंदी की जाए वो कम है। पाकिस्तान और उसके समर्थक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने गुपकार गैंग (गठबंधन) की भी कड़ी आलोचना की। संदीप मावा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। लोगों को कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए।

आज कश्मीर में हिंदू मारे जा रहे, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा- सीएम भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जम्मू-कश्मीर में बिगड़े हालातों को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया। राज्य को 3 भागों में बांटा गया। राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया। इस समय एलजी मनोज सिन्हा हैं। लेकिन, आज कश्मीरी पंडित मारे जा रहे हैं। हिंदू मारे जा रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? भारत सरकार कश्मीर में लोगों को सुरक्षा क्यों नहीं दे सकती?’

बिहार मंत्री जिबेश कुमार बोले- मनोज सिन्हा ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया

बिहार के मंत्री जिबेश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के हालातों को लेकर केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बातचीत की। उन्होंने बताया, ‘हमने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि दोषी आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिमाचल के सीएम जयराम बोले- केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई कर रही

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जम्मू कश्मीर के हालातों को लेकर कहा, ‘ यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर में हमने पिछली बार 1989 और 1990 में लक्षित हत्याएं देखीं। एक विशेष समुदाय को घाटी छोड़ने के लिए दहशत का माहौल पैदा करने का प्रयास किया गया था। इस बार केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है।

Srinagar Protest

घाटी से बाहर ट्रांसफर की मांग के लिए अल्पसंख्यक कर्मी संघर्षरत

वहीं, घाटी में कश्मीर अल्पसंख्यक फोरम ने प्रदर्शन अस्थगित कर आज सामूहिक पलायन करने का आह्वान किया है। इसके लिए नवयुग टनल के पास एकत्रित होने की अपील की गई है। फोरम का कहना है कि घाटी में सभी अल्पसंख्यकों के सामने सरकार ने कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। आए दिन आतंकी अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि घाटी में पीएम पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडित 12 मई से कश्मीर से बाहर तैनाती के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, शिक्षक रजनी बाला की हत्या के बाद अन्य अल्पसंख्यक भी घाटी से बाहर ट्रांसफर की मांग के लिए लामबंद हो गए हैं। 
गुरुवार को पहले बैंककर्मी फिर मजदूरों को बनाया निशाना

इससे पहले गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में इलाकाई ग्रामीण बैंक के मैनेजर की हत्या के 12 घंटे के भीतर आतंकियों ने देर रात बडगाम जिले में दो गैर कश्मीरियों पर हमला किया। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे की हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है।

दो दिन पहले ही आतंकियों ने कुलगाम में ही हिंदू शिक्षिका रजनीबाला की हत्या की थी। बीते तीन दिन में आतंकियों ने हिंदुओं पर तीन हमले किए हैं जिनमें तीन जान गई हैं। एक महीने में आतंकियों ने 10 लक्षित हत्याएं की हैं। इनमें तीन गैर मुस्लिम सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। हालात के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सक्रिय हैं और उन्होंने स्थितियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बात की है।

सात मई से 2 जून तक आठ लक्षित हत्याएं

दहशतगर्द सात मई से 2 जून तक आठ लक्षित हत्याएं कर चुके हैं। इनमें तीन गैर मुस्लिम सरकारी कर्मचारी हैं। इन घटनाओं से दहशत में आए लगभग तीन हजार से अधिक सरकारी मुलाजिमों ने घाटी छोड़ दी है। इनमें पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के अलावा रिजर्व कैटेगरी में नियुक्त सरकारी शिक्षक शामिल हैं। घाटी छोड़ने वाले मुलाजिमों ने जम्मू में प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन कर सरकार से कश्मीर के बाहर उनकी तैनाती करने की मांग की।

गैर राज्य के कर्मी की पहली हत्या

राजस्थान के विजय कुमार की हत्या घाटी में कार्यरत गैर राज्य के कर्मी की पहली हत्या है। इससे पहले श्रीनगर में सतपाल निश्चल नामक पंजाब निवासी सुनार की हत्या बीते साल की गई थी। सतपाल के पास भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट होने की बात सामने आई थी।

दो महीने पहले हुई थी विजय की शादी

दो माह पहले हुई विजय की शादी हुई थी। शादी के बाद अपनी पत्नी के संग कश्मीर में रह रहे थे। होनहार विजय ने पीओ के पद से नौकरी शुरू कर अपनी काबिलियत के बल पर मैनेजर का पद हासिल किया।

कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स ने ली हत्या की जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर फ्रीडम फाइटर नाम के संगठन ने ली है। संगठन के प्रवक्ता वसीम मीर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि विजय के पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट थे और जो कोई भी कश्मीर में जनसांख्यिकीय बदलाव को बढ़ावा देगा उसका यही हाल किया जाएगा।

एक महीने में हुई लक्षित हत्याएं

  • 02 जून : दो जून को आतंकियों ने दो वारदातों को अंजाम दिया। पहली कुलगाम में बैंक में घुसकर आतंकियों ने बैंक मैनेजर विजय कुमार को मार डाला। देर रात बडगाम में दो गैर कश्मीरी मजदूरों को निशान बनाया। इसमें एक मजदूर की मौत हो गई और एक घायल है 
  • 31 मई: कुलगाम में हिंदू शिक्षिका रजनी बाला की स्कूल परिसर में घुसकर हत्या
  • 25 मई: बडगाम में घर पर टीवी कलाकार अमरीन भट की हत्या, 10 वर्षीय भतीजा हाथ में गोली लगने से घायल
  • 24 मई: श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की हत्या, 7 साल की बेटी घायल
  • 17 मई: बारामुला में शराब दुकान पर ग्रेनेड हमला, राजोरी के सेल्समैन रंजीत सिंह की मौत, तीन अन्य घायल
  • 13 मई: पुलवामा के गडूरा गांव में निहत्थे पुलिसकर्मी रियाज अहमद की हत्या
  • 12 मई: बडगाम में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की चाडूरा तहसील कार्यालय में हत्या
  • 7 मई : श्रीनगर में डॉ अली जान रोड पर आतंकी हमले में पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार की मौत

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