शरद पवार से मिले केजरीवाल, केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को जोड़ने का मांगा समर्थन

दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल देशव्यापी दौरे पर हैं। इसी कड़ी में सीएम मंगलवार शाम मुंबई पहुंचे। केजरीवाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की।

मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलेंगे केजरीवाल
मुबंई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शरद पवार ने हमें आश्वासन दिया है कि जब ये (दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश को बदलने वाला) बिल राज्यसभा में आएगा तो इस बिल को वहां पास नहीं होने देंगे… ये दिल्ली की लड़ाई नहीं है, ये पूरे संघीय संरचना की लड़ाई है। कल, मैं इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगूंगा।

शरद पवार बोले- देश में संकट है
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश में संकट है और यह दिल्ली तक सीमित मुद्दा नहीं है। एनसीपी और महाराष्ट्र की जनता केजरीवाल का समर्थन करेगी। हम केजरीवाल का समर्थन करने के लिए अन्य नेताओं से भी बात करेंगे। हमें सभी गैर-भाजपा पार्टियों को एक साथ लाने पर ध्यान देना चाहिए। 

यह है मामला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाया, जिसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एकदम पलट कर रख दिया है। अदालत ने जहां सभी अधिकार मुख्यमंत्री को दिए थे, वहीं ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिये सभी अधिकार वापस उपराज्यपाल को दे दिए हैं। 

अब इसी अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को जोड़ने और अपने लिए समर्थन मांगने की कवायद में जुटे हुए हैं। केजरीवाल चाहते हैं कि जब यह अध्यादेश बिल के रूप में केंद्र सरकार राज्यसभा में लाए तब पूरा विपक्ष एकजुट होकर इसका विरोध करे। ताकि यह कानून न बन सके।

ठाकरे से की मुलाकात
बता दें, अरविंद केजरीवाल पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ मंगलवार शाम को मुंबई पहुंचे। 24 मई को यहां उन्होंने शिवसेना (उद्धव बाला साहेब गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके घर पर मुलाकात की। उद्धव से मुलाकात के दौरान मान आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी केजरीवाल के साथ थीं। ठाकरे से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने दावा किया कि अध्यादेश का मतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में विश्वास नहीं करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को गिराया जा रहा है।

लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ
वहीं, केजरीवाल का समर्थन करते हुए ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र के विरोधियों को हराने के लिए हम साथ आए हैं। अगर इस बार हमारी ट्रेन छूट गई तो देश में लोकतंत्र नहीं रहेगा। हम देश और संविधान को बचाने के लिए साथ आए हैं।

 

ममता से की मुलाकात
इससे पहले मंगलवार को दिन में केजरीवाल और मान ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए देशव्यापी दौरे के तहत कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। कोलकाता पहुंचने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा, राज्यसभा सदस्य संजय कुमार और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का स्वागत किया।

केजरीवाल ने कही यह बात
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं। दिल्ली में इन्होंने जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है। देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि इन्होंने कहा कि वे राज्यसभा में हमारा समर्थन करेंगी। राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले का सेमीफाइनल होगा।

केजरीवाल को मिला टीएमसी का साथ
बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इस पर साथ आने का आग्रह करती हूं। अगर जरूरत पड़ेगी तो फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

ममता ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि चुनाव के लिए केवल छह महीने रह गए हैं, हो सकता है उससे पहले भी कोई चमत्कार हो जाए और केंद्र की सरकार चली जाए। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रही थीं।

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