संत बाबा राम सिंह की तरह सिंघु बॉर्डर पर कुर्बानी देने लगा था किसान, जानिए फिर क्या हुआ

संत राम सिंह के बाद सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने आत्महत्या का प्रयास किया. किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. किसान निरंजन सिंह तरनतारन पंजाब का रहने वाला है. वो आज सुबह ही सिंघु बॉर्डर परप हुंचा था. किसान निरंजन ने बताया किसानों का दुख दर्द देख कर सहन नहीं पाया तो जहर खा लिया. उसका कहना था कि तीनों कानून सरकार नहीं ले रही वापिस और कुर्बानी देने के लिए जहर खाया था. फिलहाल किसान की हालत गंभीर है जिसे डॉक्टरों ने रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया है.

बता दें कि सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर किसान लगातार तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे हुए हैं और किसानों की सिर्फ मांग यही है कि तीनों कृषि कानून रद्द हो. लेकिन कहीं ना कहीं अब किसान अब कुर्बानी के रास्ते पर चल पड़े हैं. सिंघु बॉर्डर पर ही संतराम सिंह ने अपने आप को गोली मारकर मौत के घाट उतारा था तो आज एक पंजाब से आए किसान ने भी जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की है.

किसान ने बताया कि वह किसानों का दुख दर्द सहन नहीं कर पाया और तीनों कृषि कानून के खिलाफ उसने कुर्बानी दी है. फिलहाल किसान की हालत बिगड़ी हुई है और उसे रोहतक पीजीआई इलाज के लिए भेज दिया गया है. किसान निरंजन सिंह ने बताया कि आज सुबह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा था और वहां पर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं, मोदी सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं उनको लेकर विरोध कर रहे हैं.

 कुर्बानी के बिना जंग नहीं जीत सकते

किसान ने कहा आज मैंने सोचा बगैर कुर्बानी के यह जंग जीत नहीं सकते और मैंने जहर खा लिया. किसान ने कहा कि सरकार कुर्बानी के बिना यह कानून वापस नहीं लेगी. 3 महीने बीत चुके हैं किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं और सरकार किसानों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. बच्चे या महिला सब इतनी सर्दी में आंदोलन कर रहे हैं यह ठीक नहीं है.

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