पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद पिछले चार दिनों से नरौरा से 7.74 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जिले में हालात भयावह हो गए। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर गया। कई गांवों के नजदीक तक पानी पहुंचने से कई संपर्क मार्ग डूब गए। कटरी क्षेत्र में फसलें जलमगभन हो गईं। क्षेत्र में नावें चलने लगी हैं और लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करने लगे हैं।
21 अक्तूबर को नरौरा बांध से 2.04 लाख, 22 अक्तूबर को 2.33 लाख, 23 अक्तूबर को 2.03 लाख और रविवार को 1.34 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से रविवार दोपहर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 112 मीटर को पार कर गया। शाम 6 बजे 112.140 मीटर रिकार्ड किया गया।
जो खतरे के निशान 113 मीटर से मात्र 86 सेमी ही दूर रह गया है। 12 सेमी प्रतिदिन की रफ्तार से बढ़ रहे जलस्तर के कारण परियर, फतेहपुर चौरासी, गंजमुरादाबाद और बक्सर के कई गांवों के संपर्क मार्ग पानी में डूब गए। कई गांवों में पानी घुस गया।
घरों में पानी घुसने की आशंका पर ग्रामीणों ने गृहस्थी संभालनी शुरू कर दी है। इसके चलते अब बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि गुरुवार को छोड़ा गया पानी यहां से पास हो गया है। सोमवार शाम से पानी घटने की उम्मीद है।
फतेहपुर चौरासी ब्लॉक की ग्राम पंचायत रुस्तमपुर, उम्मरपुर प्रीतम, जाजामऊ एहतमाली व गैर एहतमाली, गड़ाई, दबौली, समसपुर अटिया कबूलपुर के मजरे बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। रविवार को दबौली बाजार के पास, ग्राम हिंदूपुर, शहरिया बंगला, ठकठैइया, कबूलपुर, भदेहरा, मन्नानगरी आदि गांवों में गंगा का पानी पहुंच गया। ग्राम खैरी निवासी मेड़ेलाल की सात बीघा व ग्राम पपरिया निवासी राजेश ने गंगा के किनारे ठेके पर दूसरों के खेत लेकर 18 बीघा में बोई गई परवल की फसल भी शामिल है। ग्राम प्रधान लक्ष्मीनारायण, अजीत कुमार, रोशन, प्रियंका सहित बाबा रामौतार, नीरज पांडेय आदि ने बताया कि जलस्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो शेष फसल भी जलमग्न हो जाएगी।
गंजमुरादाबाद कटरी इलाके के भिखारीपुर पतसिया, भगवंतपुरवा, रतईपुरवा, गढ़ेवा, मितानपुरवा, सिरधरपुर, गहरपुरवा सहित दर्जनों गांवों के बाहर धान, सरसों, आलू, करेला आदि फसलें जलमग्न हो गई हैं। परियर के गांव में गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से प्रभावित हो गए हैं।
सदर तहसील के गंगा किनारे बसे माना बंगला, बाबू बंगला, बंदनपुरवा, लालतुपुरवा, पनपथा, धनकुखेड़ा, कोलवा, जुड़ापुरवा, पटियारा, महानंदपुरवा, बेनिपुरवा, टेपरा व अतरी आदि गांवों के पास पानी पहुंच गया है। राजेश, अजय, गंगा प्रसाद, हेमराज, राजकुमार, सुरेश, नेकराम, लक्ष्मी नारायण आदि की तरोई, लौकी, भिंडी, कद्दू, घुईया, धनिया की फसलें डूब गईं। सदर तहसीलदार अतुल कुमार ने बताया कि निगरानी के लिए राजस्व निरीक्षक के साथ लेखपालों की टीम लगाई गई है।
तहसील बीघापुर के कटरी के गांव लालखेड़ा व गढे़वा गांव प्रभावित होने लगे हैं। रविवार को एसडीएम बीघापुर अंकित शुक्ला लालखेड़ा गांव पहुंचे। एक मजरे चलहा के रज्जा, रामगोपाल, प्रेमशंकर आदि ग्रामीणों को तिरपाल व खाद सामग्री देकर सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया।
गढ़ेवा संपर्क मार्ग फिर 20 मीटर कटा
गंगा कटरी क्षेत्र को कानपुर प्रयागराज हाईवे से जोड़ने वाले गढ़ेवा गांव के सामने बने पुल का संपर्क मार्ग गंगा के बढ़े जलस्तर की चपेट में आकर फिर 20 मीटर कट गया। लगभग 20 मीटर जगह में आधी डामर रोड गंगा में समा गई है। ग्राम प्रधान बैजनाथ लोधी ने लोगों से आवागमन न करने की अपील की।
पुलिस की बैरीकेडिंग को बीच सड़क में रखवाया। बाढ़ से गढ़ेवा ग्रामसभा व उसके मजरे सहिबीखेड़ा में किसानों की सैकड़ों बीघे फसल गंगा में डूब गई है। गढ़ेवा निवासी प्रदीप शुक्ला, पूर्व प्रधान राजकिशोर सिंह ने बताया कि पानी गांव की ओर बढ़ रहा है। पीडब्ल्यूडी ने पोकलैंड लगाकर मार्ग की मरम्मत शुरू कराई। थाना प्रभारी बारासगवर राजबहादुर ने पुलिस तैनात कर दी।