पार्टी किसे मंत्री बना दे, कोई नहीं जानता: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

हाथरस। आगामी निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मंगलवार को हाथरस में तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गुर दिए।

भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि कोई भी चुनाव चाहे वह छोटा हो या बड़ा, भाजपा पूरी ताकत के साथ लड़ती है। निकाय चुनाव भी भाजपा पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। निकाय चुनाव में हमारी सरकार ने जो काम निकाय क्षेत्रों में किए हैं और योगी जी व मोदी जी की सरकारों ने किए हैं। उन्हें लेकर जनता के बीच में जाएंगे। हमारा संगठन परिवार की तरह चलता है। संगठन की हमारी व्यवस्था है। संविधान में जो प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था है। उसी के आधार पर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी निकाय चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है।

किसी भी धार्मिक ग्रंथ पर नहीं करनी चाहिए आपत्तिजनक टिप्पणी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ के बारे में आपत्तिजनकर बात नहीं करनी चाहिए, जिससे समाज में तनाव और टकराव पैदा हो। 

पार्टी किसे मंत्री बना दे, कोई नहीं जानता
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने रालोद और सपा पर हमला बोला और अपनी पार्टी की व्यवस्था से कार्यकर्ताओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पहले दादा राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और अब नाती अध्यक्ष है। सपा में पहले मुलायम सिंह अध्यक्ष थे और अब अखिलेश अध्यक्ष हैं।भाजपा में स्थिति अलग है। यहां परिवारवाद नहीं चलता। पार्टी किसे मंत्री बना दे, कोई नहीं जानता। 

अपना और अलीगढ़ सांसद का दिया उदाहरण
 प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह खुद भी कुछ नहीं थे। पार्टी ने उन्हें मंत्री बना दिया। अब प्रदेश अध्यक्ष हैं। अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम का उदाहरण देते हुए कहा कि सतीश गौतम ने 2014 से पहले कभी नहीं सोचा होगा कि वह सांसद बनेंगे, लेकिन भाजपा ने उन्हें एक नहीं दो बार सांसद बनने का मौका दिया। ऐसे में कार्यकर्ता पूरी लगन के साथ मेहनत करें और पार्टी का काम करें।

नगर निकाय चुनाव में जुट जाएं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहा कि कार्यकर्ता नगर निकाय चुनाव में की तैयारी में अभी से जुट जाएं। इससे पहले सहकारिता का भी चुनाव है। कार्यकर्ताओं की सहमति पर स्थानीय स्तर से ही प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार कर ली जाए, जिससे बाद में यह न हो कि ऊपर से नाम काट दिए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि 200 में से 64 नगर पालिका की सीटें पिछले चुनाव में पार्टी ने जीती थी। नगर निगम मेयर मेरठ व अलीगढ़ का चुनाव पार्टी हार गई थी। इस बार और ज्यादा मजबूती से चुनाव लड़ना है। इसके बाद लोकसभा का चुनाव है। निकाय चुनाव के परिणाम का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। 

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