नोएडा: जिस सीट को लेकर सपा से अलग हुई रालोद उसी सीट पर नहीं मिला प्रत्याशी

ग्रेटर नोएडा जिले में जाट समाज के सबसे अधिक वोट और राष्ट्रीय लोकदल का सबसे अधिक समर्थन जेवर क्षेत्र में माना जाता है। रालोद नेता भी जेवर क्षेत्र को अपना मजबूत वोट बैंक होने का दावा करते रहे हैं। इसके बावजूद जेवर व रबूपुरा नगर पंचायत सीट पर रालोद अपना या अपने सहयोगी आजाद समाज पार्टी का प्रत्याशी नहीं उतार पाई। खास बात यह है कि इसी जेवर सीट को लेकर रालोद व सपा की जिले में निकाय चुनाव में राह अलग हुई हैं। रबूपुरा सीट पर तो सपा समेत अन्य पार्टियों व कोई प्रत्याशी नहीं उतार पाई। सपा-रालोद को तो निकाय चुनाव से पहले ही अलग होने का असर दिखने लगा है। अब चुनाव पर असर पड़ेगा या नहीं। इसका पता मतदान परिणाम के दिन चलेगा।बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल जेवर सीट पर सपा के गठबंधन से न केवल अपना प्रत्याशी उतारने की फिराक में थी बल्कि पिछली बार सपा के टिकट पर जीत हासिल करने वाले औरंगजेब अली को रालोद ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद ही सपा व रालोद की स्थानीय ईकाई में दरार पड़नी शुरू हुई। सपा इस सीट को न छोड़ने पर अड़ी रही। समाजवादी पार्टी ने औरंगजेब अली को फिर से प्रत्याशी बनाने की घोषणा की। इसके बाद ही निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों की राह अलग हो गईं। रालोद ने सपा से जिले में गठबंधन तोड़ने का फैसला करते हुए सभी छह सीटों पर आजाद समाज पार्टी के साथ मिलकर अपने प्रत्याशी उतारने का दावा किया लेकिन जेवर में ही वे अपना प्रत्याशी नहीं ढूंढ पाई।

पूर्व जिलाध्यक्ष ने बयां किया दर्द, उठाए सवाल
रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने व्हाट्सएप ग्रुप पर जेवर सीट पर प्रत्याशी न उतारने को लेकर लिखा कि विधानसभा चुनाव में जेवर सीट पर हमें सत्ताधारी पार्टी के बराबर वोट मिले। लेकिन अब प्रत्याशी तक नहीं मिला। जब रालोद जिलाध्यक्ष के पास कोई उम्मीदवार नहीं था तो सपा से गठबंधन क्यों तोड़ा। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि जिले में पर्दे के पीछे सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने का कोई खेल तो नहीं चल रहा। जिलाध्यक्ष जनार्दन भाटी ने कहा कि मजबूत प्रत्याशी न मिलने के कारण जेवर व रबूपुरा में उम्मीदवार नहीं उतारा गया। हालांकि अंतिम समय तक प्रयास किया गया था।

सपा के पूर्व प्रत्याशी पर केस, आसपा के संभावित के खिलाफ तहरीर
आजाद समाज पार्टी के रबूपुरा के संभावित प्रत्याशी अजीत कुमार की नामांकन के अंतिम दिन संदिग्ध हालात में गुमशुदगी का मामला सामने आया था। वे वापस लौट आए हैं। लेकिन उनके नेता इस संबंध में कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। जानकारी मिली है कि आसपा के संभावित प्रत्याशी के खिलाफ एक महिला ने तहरीर दी थी। वहीं, पिछली बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विशाल सिंह व उनके पिता आदि पर कुछ दिन पहले ही केस दर्ज हुआ है। जिससे विशाल पक्ष के लोग फर्जी बता रहे हैं।जेवर में पिछली बार भी रालोद के गठबंधन के बिना चुनाव जीता था। उनके अलग होने से कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। रबूपुरा में सपा प्रत्याशी रहे विशाल सिंह पर संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसके चलते न वे चुनाव लड़ने को तैयार हुए और न ही अन्य कोई सामने आया। अन्य पांचों सीटों पर दादरी से अयूब मलिक, जेवर से औरंगजेब अली, जहांगीपुर से जाने आलम, दनकौर से गौरा और बिलासपुर मीना मजबूती से चुनाव मैदान में हैं। -सुधीर भाटी, सपा जिलाध्यक्ष

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