राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीत कर देश का मान बढ़ाने वाली महिला कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान ने बताया है कि उनकी सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई थी। दरअसल दिव्या काकरान ने जब बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का मान बढ़ाया था तब सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर उन्हें बधाई थी। इसपर दिव्या काकरान ने दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं करने का मुद्दा उठाया था।
गुरुवार को दिव्या काकरान ने बताया कि साल 2017 में मेडल जीतने के बाद उनकी मुलाकात सीएम केजरीवाल से हुई थी। खिलाड़ी ने कहा, ‘साल 2017 में मेडल जीतने के बाद मैं सीएम केजरीवाल से मिली थी। उन्होंने मुझे सुनिश्चित किया था कि अगर मैं लिखित तौर से उनसे मदद मांगती हूं तो मुझे मदद जरूर मिलेगी। मैंने ऐसा ही किया, लेकिन इसके बाद उन्होंने फिर कभी मुझसे संपर्क नहीं किया। उन्होंने किसी तरह से मेरी मदद नहीं की। उन्होंने यात्रा, पोषण इत्यादि किसी भी चीज में मदद नहीं की।’
दिव्या ने कहा कि मैं लंबे समय से कुश्ती लड़ रही हूं। मैं लड़कियों के साथ कुश्ती लड़ती तो कोई मुझे पैसा नहीं देता इसलिए मैं अपने पोषण के लिए लड़कों से लड़ी। साल 2017 तक मैंने दिल्ली को 58 मेडल दिलवाए। दिव्या ने आगे कहा कि मैं काफी गरीब परिवेश से आती हूं। मेरे पास यात्रा करने के लिए भी पैसे नहीं थे।
खिलाड़ी ने अपने बुरे दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं ट्रेन में बने ट्वॉयलेट के पास बैठ कर सफर करती थी। दिल्ली सरकार ने कभी हमारी मदद नहीं की है। मैंने साल 2018 से यूपी के लिए लड़ना शुरू किया।
यूपी सरकार ने मदद की है – दिव्या
कुश्ती खिलाड़ी ने बताया है कि साल 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड दिया। साल 2020 में उन्होंने हमे आजीवन पेंशन दिया। बीते दिनों उन्होंने 50 लाख रुपये और ऑफिसर रैंक का पद मुझे दिया। यूपी सरकार ने मेरी मदद की, यहां तक कि हरियाणा सरकार ने भी मदद की। लेकिन दिल्ली ने कभी मदद नहीं की है।
दिल्ली सरकार ने नहीं की है कोई मदद- दिव्या
भारतीय युवा पहलवान दिव्या काकरान ने राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं कुश्ती प्रतियोगिता के 68 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इस बेहद ही शानदार जीत के लिए केजरीवाल ने उन्हें बधाई दी थी। इसपर इस युवा खिलाड़ी ने कहा था कि मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद, मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यहीं अपने खेल
कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं, परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई और ना कोई मदद दी गई। मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी और स्टेट से भी खेलते हैं उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए।