कुख्यात हाजी गल्ला की नही हो सकी पेशी, अस्पताल में भर्ती

मेरठ। उत्तरी भारत के सबसे बड़े चोरी के वाहनों के काटने के बाजार सोतीगंज के शातिर सरगना कबाड़ी हाजी गल्ला और उसके बेटों की रिमांड के लिए पुलिस को काफी जोर लगाना पड़ रहा है। गत बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान लंबी बहस चली। लेकिन रिमांड पर निर्णय नहीं हो सका था। आज फिर से सुनवाई होनी थी। पुलिसकर्मी हाजी गल्ला को लेकर कचहरी में पेशी पर लेकर आए थे लेकिन इसी दौरान हाजी गल्ला की तबीयत बिगड़ गई। जिसके चलते उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बताया जा रहा है कि हाजी गल्ला को रिमांड पर जाने से बचाने की सारी कवायद की जा रही है। इसमें पुलिस महकमें के अलावा कुछ सत्तारूढ दल के लोग भी उसका साथ दे रहे हैं।  


दरअसल, उत्तरी भारत के गाडियों के सबसे बड़े चोर बाजार सोतीगंज में चोरी की गाड़ियां काटने वाले कबाड़ियों के खिलाफ एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने हाल ही में अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत  सोतीगंज के कबाड़ियों पर शिकंजा कंसा गया और उन पर कानूनी कार्रवाई की गई। कुछ पर गैंगेस्टर भी लगी। जिन शातिरों पर गैंगस्टर लगी उनमें हाजी नईम उर्फ गल्ला, उसके बेटे फुरकान, अलीम, बिलाल और इलाल भी शामिल हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए, लेकिन हाथ नहीं आए। कुर्की नोटिस चस्पा किया। ईनाम की घोषणा भी की गई। इसी बीच गल्ला ने चारों बेटों के साथ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और पुलिस हाथ मलती रह गई। पुलिस ने पांचों को रिमांड पर लेने के लिए गैंगेस्टर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। बुधवार को इस पर काफी देर तक सुनवाई हुई। विवेचक का कहना था कि गल्ला ने 161 के बयान के वक्त घटना का समर्थन किया था। उसी से जुड़े साक्ष्य जुटाने के लिए रिमांड जरूरी है। काफी देर की बहस के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए आज गुरुवार का समय दिया था। इसी के तहत आज गुरुवार दोपहर फिर से सुनवाई होनी थी। पेशी पर लाने के दौरान ही हाजी गल्ला की तबीयत बिगड़ गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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