झारखंड में फर्जी कंपनियों को खदानों की लीज देने के गरमाते मामले के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने 2017 के ‘मोमेंटम झारखंड’ के दौरान कथित धांधली की सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं। राज्य के उद्योग विभाग में यह फाइल डेढ़ साल से दबी पड़ी थी। मोमेंटम झारखंड का आयोजन भाजपा के राज में हुआ था।
आरोप है कि वर्ष 2017 में झारखंड में निवेश आकर्षित करने के लिए आयोजित ‘मोमेंटम झारखंड’ कार्यक्रम में शामिल हुईं कई कंपनियों का गठन आयोजन के ठीक पहले हुआ था। इन कंपनियों ने झारखंड में लाभ अर्जित करने के इरादे से सहमति पत्र (MOU) पर दस्तखत किए थे। इस निवेशक सम्मेलन में कुल 238 एमओयू हुए थे। इनमें 100 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप है।
पहले इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एसीबी को दी गई थी। अब झारखंड के उद्योग विभाग ने फाइल सीएम सोरेन को भेजी और उद्योग मंत्री के तौर पर उनकी सहमति से फाइल गृह विभाग को भेज दी। पहले सीएम ने इस मामले की जांच स्पेशल ऑडिट ब्यूरो से कराने का आदेश दिया था। एसीबी के मामले में ही फाइल पर विमर्श होते-होते डेढ़ वर्ष बीत गए थे। अब सोरेन सरकार ने तय किया पहले सीआइडी से इसकी जांच कराई जाएगी।
झामुमो ने लगाया था सबसे बड़े घोटाले का आरोप
कुछ दिनों पूर्व झामुमो केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में 2017 में हुए मोमेंटम झारखंड में देश का सबसे बड़ा घोटाला हुआ था। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के हवाले से खुलासा करते हुए बताया कि वर्ष 2017 में हुए मोमेंटम झारखंड में 22 कंपनियों के साथ एमओयू हुआ था उसमें से 11 कंपनियां मोमेंटम झारखंड के ठीक पहले बनाई गई थीं। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि मोमेंटम झारखंड का लाभ लेने के उद्देश्य से ही इन कंपनियों को बनाया गया था।
रांची हिंसा की जांच भी सीआईडी को
इस बीच, 10 जून को हुई रांची हिंसा की जांच भी झारखंड सीआईडी की सौंप दी गई है। सीआईडी रांची के डेली मार्केट थाने में दर्ज मामले की जांच करेगी। यह मामला पुलिस फायरिंग से जुड़ा है। झारखंड पुलिस के अनुसार एनएचआरसी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मामले को सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया है।