बिहार में हिंसा के पीछे ‘जिहादी’ मानसिकता के लोग: भाजपा विधायक

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि पिछले चार-पांच दिनों की तुलना में आज स्थिति थोड़ी शांतिपूर्ण रही। अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन बिहार में देखने को मिला। बिहार में विरोध प्रदर्शन को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर कई सवाल भी उठे हैं। बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन में है और नीतीश कुमार इसके मुख्यमंत्री हैं। बावजूद इसके केंद्र सरकार द्वारा लाई गई इस योजना का सहयोगी जदयू की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। आलम यह रहा कि जब बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं के घरों को निशाना बनाया जा रहा था, तब पुलिस प्रशासन बिल्कुल भी सक्रिय दिखाई नहीं दे रही थी। इसी को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी नीतीश सरकार से सवाल पूछे थे। उसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने संजय जायसवाल पर पलटवार भी किया था।

वहीं, अब दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच से वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है। भले ही दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि गठबंधन मजबूत है। लेकिन कहीं ना कहीं अग्निपथ योजना के विरोध के बीच में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। अब भाजपा के एक विधायक का बयान भी सामने आ गया है। बिसफी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने आरोप लगाया कि बिहार में ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और आगजनी के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले ‘जिहादी’ थे तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के ‘बड़े नेताओं’ के बयानों से इन लोगों को बल मिला। हरीशभूषण ठाकुर बछौल ने मुख्यमंत्री की पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘जदयू का जनता के साथ कोई जुड़ाव नहीं है’ और ‘नीतीश कुमार के नही रहने पर पार्टी का वजूद खत्म होने की आशंका है।’ 

छौल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​लल्लन और संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिन्होंने विरोध को ‘स्वाभाविक’ करार दिया था और सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’ को वापस लेने का सुझाव दिया था। उन्होंने आरोप लगाया, “पिछले दो दिनों में कोई घटना क्यों नहीं हुई? पहले हुई हिंसा के लिए निश्चित रूप से बड़े नेताओं के बयानों को दोषी ठहराया जा सकता है, जो नीतीश कुमार की कृपा की बदौलत वहां खड़े हैं। मोदी का विरोध करने वाले जिहादी तत्व हिंसा में शामिल थे और उन्हें लगा कि उन्हें इन नेताओं का समर्थन हासिल है।” बछौल ने जदयू नेताओं के इस सुझाव का मजाक भी उड़ाया कि भाजपा को जनता के बीच जाना चाहिए और अग्निपथ के बारे में गलतफहमियों को दूर करना चाहिए, ताकि इस संकट से निपटा जा सके। भाजपा नेता ने सवाल किया, “क्या वे लोगों के बीच हमसे ज्यादा सक्रिय हैं? हम 1951 से जनता की सेवा में जुटे हुए हैं और 2051 में भी मजबूत स्थिति में रहेंगे। ईश्वर नीतीश कुमार को लंबी उम्र दे, लेकिन उनका निधन हो गया तो जदयू का क्या होगा?”

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