राजस्थान कांग्रेस में फिर अंतकर्लह उभरकर सामने आ रही है। गहलोत सरकार के एक मंत्री के खिलाफ अशोक गहलोत के करीबी विधायक ही धरने पर बैठ गए। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीना के आवास के बाहर कांग्रेस विधायक अमीन कागजी धरने पर बैठ गए और समर्थकों के साथ जमकर नारेबाजी की।
विधायक अमीन कागजी ने आरोप लगाया कि विधायकों से बिना पूछे ही तबादले कर दिए गए हैं। उनकी बातों को सुना नहीं गया है। हमारी विधानसभा क्षेत्र में बिना पूछे और बिना सहमति के ट्रांसफर होने के कारण अधिकारी सुनता नहीं है। जिसके कारण विधायक की अपने क्षेत्र में किरकिरी होती है। अधिकारी काम भी नहीं करते है क्योंकि तबादले सीधे मंत्री स्तर से हुए हैं। विधायक कुछ नहीं कर सकता। अमीन कागजी ने कहा कि चार डॉक्टरों के तबादले को लेकर मेरे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। मैंने मंत्री से कहा था कि मैं डॉक्टरों के तबादले के पक्ष में नहीं हूं लेकिन इसके बावजूद उनका तबादला कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सिफारिश पर एक भी तबादला या तबादला रद्द नहीं किया गया।
मंत्री मनाकर ले गए आवास के अंदर
विधायक अमीन कागजी ने कहा कि धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक आदेश नहीं मिलते हैं। हालांकि, मंत्री प्ररसादी लाल मीणा नाराज विधायक को मनाने आए और उन्होंने विधायक को धरने से उठाने का प्रयास किया। काफी मान-मनुहार के बाद विधायक मंत्री के आवास के अंदर गए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने विधायक के धरने को लेकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि गहलोत राज में तबादला एक अलग ही इंडस्ट्री बन चुका है। इसके बावजूद अपने कुनबे को एक रखने में गहलोत नाकाम साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव को देखकर प्रलोभन के उपहार स्वरूप तबादले खोले गए लेकिन इसके बावजूद जो खेल होना था, वो हो गया।