प्रदेश को बचाने के लिए सांसद पद का त्याग किया: अखिलेश यादव

लोकसभा सीट आजमगढ़ से इस्तीफा देने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अपना स्पष्टीकरण  देते हुए कहा कि प्रदेश के लिए उन्होंने आजमगढ़ संसदीय सीट छोड़ी है और करहल से विधानसभा में मौजूद रहने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष के लिए त्याग जरूरी है, इसके चलते ही उन्होंने ऐसा किया है। 

सपा मुखिया अखिलेश यादव 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से सांसद चुने गए थे। 2022 के विस चुनाव में उन्होंने करहल विस सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बन गए। इसके बाद से ही यह चर्चा आम हो गई थी कि अखिलेश आजमगढ़ की सांसदी छोड़ेंगे अथवा करहल की विधायकी।

इसके लिए उन्होंने दो दिन पूर्व जिले का दौरा भी किया था और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर वार्ता भी की थी। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को लोकसभा के स्पीकर से मिल कर आजमगढ़ सांसदीय सीट से इस्तीफा सौंप दिया।

सोशल मीडिया पर बताया कारण

बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से अखिलेश ने आजमगढ़ सीट छोड़ने के कारण को स्पष्ट करते हुए अपनी पोस्ट में लिखा कि प्रदेश को बचाने के लिए उन्होंने सांसद पद का त्याग किया है। करहल से विधायक के रूप में विधान सभा में मौजूद रह कर प्रदेश वासियों के हक में संघर्ष करेंगे।

प्रदेश की सियासत को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट की

उन्होंने जनपद वासियों को सभी दस सीटों पर पार्टी को जीत दर्ज कराने के लिए धन्यवाद भी दिया। अखिलेश यादव ने ट्वीटर पर इस प्रकरण पर अपना मत रखने के साथ ही आजमगढ़ ही नहीं बल्कि प्रदेश की सियासत को लेकर अपनी रणनीति भी स्पष्ट की है।

कहा- संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि – ‘विधानसभा में उप्र के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश’ दिया है। इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूँगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूँगा। महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है।’ 

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