युद्धग्रस्त यूक्रेन के इवानो में फंसी सहारनपुर की निहारिका सोमवार को रोमानिया होते हुए दिल्ली पहुंच गईं हैं। सुबह सवेरे परिवार निहारिका को लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गया था। करीब सात बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर निहारिका का विमान पहुंचा। निहारिका से मिलकर माता पिता और भाई बहनों के आंसू छलक वह हर पल निहारिका से मिलने का इंतजार कर रहे थे।
सहारनपुर के जिला चिकित्सालय के डॉक्टर गजेंद्र सिंह और निर्मला सिंह की पुत्री निहारिका सिंह यूक्रेन की इवानो यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद ही यहां परिजन लगातार निहारिका से संपर्क बनाए हुए थे। निहारिका की यूक्रेन से फ्लाइट 25 फरवरी को थी लेकिन इससे पहले ही रूस के हमलों के कारण नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया था। तब से वे लगातार बेटी से संपर्क में लगे थे। इवानो यूनिवर्सिटी से चार बसों में छात्र-छात्राएं रोमानिया के लिए रवाना हुए थे जो रविवार को सुबह रोमानिया पहुंचे थे।
रात में ही आया था निहारिका का फोन
रात में भारतीय एंबेसी के अधिकारियों द्वारा छात्रों को विमान में बोर्डिंग करा दिया गया था लेकिन विमान कितनी देर बाद उड़ेगा इसकी जानकारी छात्रों को नहीं दी जा रही थी। पिता डॉक्टर गजेंद्र सिंह ने बताया कि देर रात में उन्हें निहारिका का फोन आया उसने बताया था कि वह सुबह इंडिया पहुंच जाएगी। आनन-फानन वह परिवार के साथ सुबह तीन बजे सहारनपुर से रवाना हुए थे। दिल्ली में निहारिका की फ्लाइट सुबह करीब सात बजे पहुंची बेटी से मिलकर सभी के आंसू छलक पड़े। मां निर्मला सिंह छोटी बहन तनिष्का सिंह और भाई कैरव सिंह निहारिका से खूब गले मिले। पिता ने बताया कि अभी दिल्ली में ही उन्हें समय लगेगा। अधिकारियों द्वारा कुछ आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कराई जानी है, जिन्हें पूरा करने में समय लगेगा। वह शाम तक ही निहारिका के साथ सहारनपुर लौट सकेंगे।
छुटमलपुर : सोमवार को यूक्रेन से सकुशल अपने घर पहुंचे खुजनावर निवासी एमबीबीएस फाइनल के छात्र राव अहमद ने देश और दैनिक जागरण का धन्यवाद किया है। अहमद के घर पहुंचते ही स्वजन उससे लिपट गए और आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उससे मिलने को ग्रमीणों का तांता लग गया। जागरण प्रतिनिधि ने राव अहमद से बात की तो उसके मुंह से बरबस ही थैंक्स इंडिया थैंक्स जागरण निकल पड़ा और बोला कि जागरण ने यूक्रेन में फंसे छात्रों की पीड़ा को सरकार तक पहुंचाया और सरकार ने समस्या का संज्ञान लेते हुए छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए प्रभावी कदम उठाए। बताया कि स्वजन जागरण में छपी खबरें वाट्सएप पर भेजते रहे।
प्लेन से दिल्ली पहुंचने के बाद सरकार की तरफ से भेजे गए अधिकारी उन्हें यूपी भवन ले गए। आराम के लिए कमरा, खाना, नाश्ता दिया गया और गांव के लिए इनोवा गाडी भी मुहैया कराई गई। प्लेन और गाडी का किराया सरकार द्वारा वहन किया गया। अहमद के अनुसार ईवानो में कोई हमला तो नहीं हुआ। लेकिन छत्रों में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता लगातार बनी रही और वह निरंतर वहां से निकलने के प्रयास में लगे रहे।