अमरोहा: बानखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर टली, जानें क्या है वजह

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है. शबनम के वकील ने एक बार फिर राज्यपाल को दया याचिका दाखिल कर दी है. दया याचिका दाखिल होने की वजह से अदालत ने फांसी की तारीख नहीं दी. शबनम की फांसी को लेकर मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई.

जिला अदालत में शासकीय अधिवक्ता महावीर सिंह ने अदालत को बताया कि शबनम ने रामपुर जेल से अपनी पुनः दया याचिका राज्यपाल को भेजी है. जो राष्ट्रपति को दी जाएगी. शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक जब तक राष्ट्रपति के यहां से शबनम की पुनः दया याचिका पर फैसला नहीं हो जाता शबनम की फांसी रुकी रहेगी. आज अदालत ने शासकीय अधिवक्ता से रिपोर्ट मांगी थी. 13 साल पहले अपने प्रेमी के साथ मिलकर शबनम ने अपने परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी थी.

माना जा रहा था कि जिला अदालत में शबनम की रिपोर्ट पेश की जाएगी और अगर कोई याचिका लंबित नहीं पाई गई को अदालत शबनम की फांसी की तारीख तय कर देगी. मगर शबनम के वकील ने कुछ दिन पहले ही को दया याचिका लगाकर राज्यपाल से माफी की गुहार लगाई थी. इसके लिए रामपुर प्रसासन को प्रार्थना पत्र भी सौंपा गया था. आज सुनवाई के दौरान शबनम के वकील ने अदालत को इस याचिका की जानकारी दी और इसी कारण फांसी की तारीख नहीं दी जा सकी.

क्या है मामला

अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर शबनम ने अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था. अब शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी. शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है. सोमवार को शबनम का बेटा ताज उससे जेल में मिला.

शबनम के बेटे ताज ने बताया कि वो जेल में शबनम से मिला और उससे शबनम ने कहा कि खूब अच्छे से पढ़ना,मेहनत करना. बेटे ताज ने कहा कि उसने राष्ट्रपति से अपील से की उसकी माँ को माफ किया जाए. ताज ने कहा कि वो चाहता है कि उसकी माँ को फाँसी न हो. जेल में शबनम से मिलने के बाद ताज के केयर टेकर उस्मान ने कहा कि अगर शाबनम ने ये गुनाह किया है तो उसे बिल्कुल भी बचना नही चाहिए. एक बार शबनम को मीडिया से बात करने की अनुमति दी जाए.

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