शक्ति मिल्स गैंगरेप केस: आजीवन कारावास में बदली तीन दोषियों की मौत की सजा

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार 25 नवंबर को शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार के दोषियों को पहले दी गई मौत की सजा को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि सार्वजनिक आक्रोश के आधार पर फैसले नहीं लिया जाना चाहिए।

एचसी बेंच ने कहा, “शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले ने समाज की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। एक बलात्कार पीड़िता न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ित होती है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। लेकिन केवल सार्वजनिक आक्रोश को ध्यान में नहीं रखा जा सकता है। मौत की सजा केवल एक अपवाद है। निर्णय को सार्वजनिक आक्रोश द्वारा निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए।”

आजीवन कारावास
कोर्ट ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी समाज के साथ आत्मसात करने में सक्षम नहीं होगा।

सेशन कोर्ट इस मामले में तीन दोषियों को मौत की सजा और एक को उम्र कैद की सजा सुना चुका है। यह मामला 2013 का है।

शक्ति मिल गैंगरेप 2013
शक्ति मिल में रेप के 2 मामले थे, जिसमें एक फोटोग्राफर जॉर्नलिस्ट केस और एक फोन ऑपरेटर केस।

फोटो जॉर्नलिस्ट मामले में 5 आरोपी हैं ,जिसमें 1 नाबालिग।
फोन ऑपरेटर मामले में 5 आरोपी हैं, जिसमें 1 नाबालिग।

फोटो जर्नलिस्ट केस आरोपी

1. सिराज रेहमान खान (उम्र कैद)
2. विजय मोहन जाधव (फांसी)
3.मोहम्मद कासिम बंगाली (फांसी)
4. मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी)
5. चांद बाबू (गुनाह के समय नाबालिग था)

टेलीफोन ऑपरेटर केस आरोपी
1. मोहम्मद अशफाक शेख (उम्र कैद)
2. विजय मोहन जाधव (फांसी)
3. मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी)
4. मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी)
5. जाधव जे जे ( गुनाह के समय नाबालिग था)

तीन आरोपी मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी), मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी), विजय मोहन जाधव (फांसी) दोनो गैंगरेप केस में दोषी है। तीनो को सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी।

आज बॉम्बे हाई कोर्ट में मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी), मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी), विजय मोहन जाधव (फांसी) के फांसी पर फैसला सुनाया। हाई कोर्ट में जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चौहान फैसला सुनाया।

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