मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें, जनवरी में बड़े बदलाव संभव

दिल्ली। गुजरात और हिमाचल के चुनावों के बाद सुगबुगाहट केंद्र में कैबिनेट मंत्रिमंडल में फेरबदल की भी होने लगी है। चर्चाएं तो इस बात की भी हो रही है कि भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक स्तर पर भी कुछ फेरबदल हो सकते हैं। फिलहाल इन तमाम चर्चाओं के बीच दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चुनावों के आकलन के बाद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा बदलाव के फेरबदल की पहली कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। अगले साल होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए अनुमान यही लगाया जा रहा है कि राजनैतिक समीकरणों के लिहाज से जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार देखने को मिल सकता है।

मोदी मंत्रिमंडल में लंबे समय से फेरबदल की चर्चाएं हो रही हैं। सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ महीने के भीतर अगर सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से ही चला, तो जल्द मोदी कैबिनेट में कुछ फेरबदल होंगे। यह फेरबदल अगले साल होने वाले अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए किए जा सकते हैं। 2021 जुलाई में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं हुए हैं। इन्ही डेढ़ साल के बीच में अलग-अलग राज्यों में कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं। जिसमें सियासी बिसात पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल और बदलाव की चर्चाएं हैं। सूत्रों का कहना है कि क्योंकि अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव हो चुके हैं और एलअगले साल कई राज्य में चुनाव होने हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की गुंजाइश बन रही है।

सूत्रों का कहना है जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड खराब है उनको या तो मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है या उनके मंत्रालयों में फेरबदल किया जा सकता है। करीब पांच महीने पहले मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार की जब चर्चा हुई थी, तो तकरीबन एक दर्जन मंत्रियों के पोर्टफोलियो में बदलाव की बात सामने आई थी। सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जा रहा है। फेरबदल और जिम्मेदारियों में बदलाव इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर किए जा सकते हैं। 

सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार ने आठ पॉइंट के आधार पर मंत्रिमंडल में मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड को तैयार करने का पूरा ब्यौरा मांगा है। जानकारी के मुताबिक आठ पॉइंट्स में यह देखा जा रहा है कि सरकार की योजनाओं को किस स्तर पर जमीन पर उतारा गया है। देखा यह भी जा रहा है कि क्या राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को जमीन पर बेहतर तरीके से उतारा है या नहीं। ऐसे ही और कई पॉइंट्स में मंत्रियों को भी कसौटी पर कसा जा रहा है। इसी आधार पर फेरबदल की गुंजाइश बन रही है।

दरअसल अगले साल कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव है। इस लिहाज से मंत्रिमंडल बदल की सुगबुगाहट ज्यादा हो रही है। सूत्रों का कहना है कि क्योंकि फेरबदल की चर्चा इसी साल जुलाई और अगस्त के बीच में हो रही थी, लेकिन गुजरात हिमाचल के चुनावों के चलते ऐसा नहीं हो सका था। दो राज्यों में चुनाव हो चुके हैं इसलिए संभावना जताई जा रही है कि अगले कुछ महीने में फेरबदल की गुंजाइश बने। दरअसल इस दौरान महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ। 

चर्चा इस बात की भी हो रही है कि जल्द ही भारतीय जनता पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे में भी कुछ फेरबदल करेंगी। हालांकि यह फेरबदल किस स्तर का होगा इसको लेकर अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन जो फेरबदल होंगे वह अगले साल से लेकर 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा के अलग-अलग राज्यों के चुनावों के लिहाज से ही किए जाएंगे।

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