मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के सांसद संसद में जोर-जोर से ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाएंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दी और कहा कि अगर उन्हें हिम्मत है तो उन्हें संसद से बाहर निकालकर दिखाएं।

उद्धव ठाकरे ने मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब अविभाजित शिवसेना भाजपा के साथ थी, तब भाजपा कहती थी कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों को ‘वंदे मातरम’ कहना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जो अधिकारी नया निर्देश जारी कर रहे हैं, क्या उन्हें पाकिस्तान भेजा जाएगा। साथ ही उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या ‘मैकाले की संतानें’ अब भाजपा में शामिल हो गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके सांसद संसद में जोर-जोर से ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाएंगे और देखेंगे कि कौन उन्हें बाहर निकालने की कोशिश करता है।

राज्यसभा सचिवालय ने 24 नवंबर को सदस्यों को निर्देश दिया था कि ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे सदन के भीतर या बाहर लगाना संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन माना जाएगा। यह निर्देश दिसंबर में शुरू होने वाले संसद सत्र से पहले जारी किया गया है। राज्यसभा सूत्रों के अनुसार, यह पहला मौका नहीं है जब ऐसा निर्देश जारी हुआ है; इससे पहले नवंबर 2005 में यूपीए सरकार के समय भी ऐसा सर्कुलर जारी किया गया था।

वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह राज्य में ‘वंदे मातरम’ को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय गीत का इस्तेमाल अल्पसंख्यक विधायकों को डराने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ाने के लिए कर रही है। सावंत ने बताया कि इसी हफ्ते भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विधायकों असलम शेख और अमीन पटेल के कार्यालयों के बाहर ‘वंदे मातरम’ गाने का कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों को डराने और बदनाम करने का प्रयास था।