उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने रविवार को आरओ/एआरओ पेपर लीक के मास्टरमाइंड को तीन साथियों सहित गिरफ्तार किया. UPSTF ने डॉ शरद पटेल को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया. शरद पटेल के साथ लखनऊ के अभिषेक शुक्ला, प्रयागराज के कमलेश कुमार पाल उर्फ केके और अर्पित विनीत जसवंत को भी गिरफ्तार किया गया. डॉ शरद पटेल ने लखनऊ के स्कूल संचालक सौरभ शुक्ला के साथ मिलकर पेपर लीक किया था. 

ऐसे बनी प्लानिंग
प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज में परीक्षा नियंत्रक अर्पित विनीत जसवंत की परीक्षा केंद्र से पेपर लीक करने में मिलीभगत थी. गिरफ्तार अर्पित विनीत जसवंत कमलेश उर्फ केके को 5 लाख रुपये में पेपर देने वाला था. इसके लिए 1 लाख एडवांस में दिए गए थे. बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज पर सुबह 6:30 बजे पेपर पहुंचने के बाद अर्पित विनीत जसवंत ने कमलेश को परीक्षा केंद्र में अंदर बुला लिया था. पेपर जब आया तो पेपर के 4 बंडल थे, जिसमें दो बंडल गार्ड और एक-एक बंडल अर्पित विनीत जसवंत और कमलेश कुमार पाल लेकर स्ट्रांग रूम की तरफ गए.

योजना अनुसार गार्ड और अर्पित विनीत जसवंत ने अपने बंडल स्ट्रांग रूम में रखे, लेकिन कमलेश कुमार पाल उर्फ केके अपना बंडल स्ट्रांग रूम के बजाए बगल के मेडिकल रूम में लेकर चला गया. मेडिकल रूम में पहले से रखे कटर की मदद से बंडल खोला. चारों सीरीज के पैकेट खोलकर मोबाइल से फोटो खींचे और दोबारा पैकेट और बंडल को टेप से चिपका दिया गया.

कमलेश कुमार पाल उर्फ केके पाल ने पेपर के चारों सीरीज व्हाट्सएप पर लखनऊ में सौरभ शुक्ला को भेजी थी और सौरभ शुक्ला ने डॉक्टर शरद पटेल और पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह को भेजे थे. डॉक्टर शरद पटेल ने ही पेपर सिपाही भर्ती के मास्टरमाइंड और जेल में बंद राजीव नयन मिश्रा को भेजा था.

पूछताछ के दौरान राजीव नयन मिश्रा का फाइनेंस मैनेजर सुभाष प्रकाश भी पेपर लीक में शामिल था. सुभाष प्रकाश की तलाश की जा रही है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को कौशांबी के मंझनपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.