अपने आप को पीठाधीश्वर कहने वाले लोग अपने असली चेहरे जनता के बीच ला रहे हैं। साधु, संत और धर्माचार्यों के भेष में ये नरपिशाच हैं, आतंकवादी हैं और अपराधी हैं। जिनका आपराधिक चरित्र एक-एक कर जग जाहिर हो रहा है। ये धर्माचार्य का गुण नहीं है। उक्त बातें श्रावस्ती जाने के दौरान मंगलवार रात बहराइच रुके सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। वह बहराइच के सिविल लाइन निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजेन्द्र प्रसाद मौर्य के आवास पर कुछ देर के लिए रुके थे।
अयोध्या के पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य द्वारा स्वामी प्रसाद की हत्या पर 25 करोड़ का ईनाम देने की बात पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसी को गोली मारने के लिए 25 करोड़ की घोषणा करना। जीभ, आंख-कान काटने की सुपारी देना, किसी साधु-संत का चरित्र नहीं हो सकता। ये कुख्यात आपराधिक चरित्र के लोग हैं, जो साधु संत के भेष में खुद को छिपाए हैं।
इस प्रकार के बोल बोलने वालों के खिलाफ पुलिस गूंगी-बहरी व अंधी बनकर तमाशा देख रही है। ये योगीराज का जंगलराज है। चूंकि उत्तर प्रदेश में बाबा की सरकार है तो बाबाओं की बल्ले-बल्ले है। इसी लिए बाबाओं के भेष में आपराधिक चरित्र के बाबाओं का हौसला बढ़ा है। वह जानते हैं कि योगीराज में उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। यही कारण है कि मुझे गोली मारने वाले को 25 करोड़ की सुपारी का फरमान दिया गया है। साधु संतो को ऐसे बाबाओं को अपने अखाड़े से बाहर कर देना चाहिए।
आजम खां की हो सकती है हत्या
सरकार पर निशाना साधते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार का लोकतंत्र व कानून में विश्वास नहीं है। जब सरकार खुद भाड़े से पुलिस की हिरासत में दो लोगों की हत्या करवा सकती है तो आजम खां की क्यों नहीं करवा सकती। लोकतंत्र बचाने के पक्षधर लोगों को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए।