काशी विश्वनाथ धाम के दर्शनार्थी पहनेंगे कागज की चप्पल

काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु अब गर्भगृह तक नंगे पांव नहीं जाएंगे। उनकी सुविधा के लिए हस्तनिर्मित कागज की चप्पलें अब बाजार में उतार दिया गया है। धाम में नंगे पैर दर्शन करने में श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी को देखते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ये पहल की है।

काशी विश्वनाथ धाम में कागज के चप्पलों की मांग को पूरा करने के लिए खादी कागज के चप्पलें सेवापुरी के गांधी आश्रम में तैयार करेगा। शुक्रवार को गोदौलिया स्थित एक खादी भंडार केंद्र में कागज के चप्पलों की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसे ट्रायल के तौर पर जयपुर से मंगाया गया था। उद्घाटन मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र ने किया।

खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक डीएस भाटी ने बताया कि अभी प्रायोगिक तौर पर 500 जोड़ी कागज के चप्पल प्रदर्शनी के लिए लाए गए हैं। जल्द ही इसका प्रशिक्षण सेवापुरी में बनारस के कारीगरों देकर यहीं इसे तैयार किया जाएगा। जिससे लोगों को रोजगार भी मिल सके और धाम में दर्शन करने आने वाले शिव भक्तों की जरूरतें भी पूरी की जा सकेंगी। 

खादी का यह चप्पल सफेद रंग का है जो देखने में खूबसूरत है। चप्पल के तलवे में मोटे दफ्ती का इस्तेमाल किया गया है। चप्पल में लगी बद्धि भी कागज से बना है। अगर इसे पानी से बचाया जाए तो कई बार उपयोग में लाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल लोग घर में भी पूजा-पाठ में कर सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, इसकी कीमत 50 रुपये रखी गई है। यूज एंड थ्रो वाली ये चप्पलें खादी की दुकान पर उपलब्ध होंगी।                                        

दिल्ली से आए थे जूट से बने जूते

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वाले अब जूट का जूता पहनकर ड्यूटी कर रहे हैं।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर  ठंड को देखते हुए मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वालों को बीते 10 जनवरी को जूतों का वितरण किया गया था।

प्रधानमंत्री को पता चला था कि ठंड में सीआरपीएफ जवान, पुलिस, अर्चक, सेवादार और सफाईकर्मी नंगे पांव ड्यूटी करते हैं। पीएम मोदी के निर्देश के बाद दिल्ली से जूट के 100 जूते सभी कर्मचारियों के लिए भेजे गए। 

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