बुल्ली बाई ऐप : आरोपी श्वेता और मयंक को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्ली। एक स्थानीय अदालत ने ‘बुल्ली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार श्वेता सिंह और मयंक रावत को शुक्रवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पूर्व श्वेता ने पुलिस पर पूछताछ के दौरान कथित झापड़ मरने का आरोप लगाया। दो आरोपियों को मुंबई पुलिस ने महीने के शुरुआत में ‘बुल्ली बाई’ ऐप के मामले गिरफ्तार किया था जिसके जरिये कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाता था।

श्वेता सिंह की उम्र 18 साल है जबकि रावत की उम्र 21 साल है और दोनों ने उपनगर बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के तुरंत बाद जमानत की अर्जी दाखिल की। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमलसिंह राजपूत ने उन्हें यह सूचित करने के बाद जेल भेजा कि रावत कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।  उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले आरोपी विशाल झा और मामले के जांच अधिकारी भी सप्ताह के शुरुआत में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

     झा के वकील शिवम देसमुख ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि झा और रावत कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और उनका मुंबई के कलीना इलाके स्थित कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में इलाज चल रहा है। अदालत ने तीनो आरोपियों की ओर से दाखिल जमानत की अर्जी पर सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख तय की है और अभियोजन को इस मामले पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया। वहीं, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान श्वेता सिंह के वकील ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान उनकी मुवक्किल को चांटे मारे गए हैं। इस पर मजिस्ट्रेट की अदालत ने पुलिस को आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया।

      उल्लेखनीय है कि ‘बुल्ली बाई’’ऐप द्वारा निशाना बनाई गई मुस्लिम महिलाओं की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस ऐप पर कई महिलाओं की जानकारी सार्वजनिक की गई थी और उपयोकर्ताओं को उनकी ‘नीलामी’ में शामिल होने का अवसर दिया जाता था।  दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने भी इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है और छह जनवरी को उसने एक अन्य आरोपी और इंजीनियरिंग के छात्र नीरज बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा है कि बिश्नोई इस ऐप का निर्माता है।

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