लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा को लेकर राज्य की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी में इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। योगी सरकार से बातचीत के बाद कांवड़ संघ ने कांवड़ यात्रा 2021 को रद्द कर दिया है यानि यूपी में इस बार कांवड़ यात्रा नहीं होगा।
कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने कांवड़ संघों से बातचीत के बाद फैसला लिया है कि इस साल भी कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा नहीं होगी। बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बातचीत करने के निर्देश दिए थे।
बता दें कि, पिछले साल 2020 में कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी। इस बार भी सरकार ने कांवड़ संघों की सहमति से ही यह फैसला लिया है। हालांकि, यूपी सरकार चाहती थी कि इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध ना लगे, बल्कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा निकाली जाए। मगर उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
बता दें कि, यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर पहले अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने जीवन के अधिकार को सर्वोपरि रेखांकित करते हुये शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक उसे बताने के लिये कहा कहा कि क्या वह राज्य में “सांकेतिक” कांवड़ यात्रा आयोजित करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेगी। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि पहली नजर में उसका दृष्टिकोण है कि सभी प्रकार की भावनाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के अधीन हैं। पीठ ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार को कोविड के मद्देनजर कांवड़ यात्रा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”