प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अगस्त को पुणे में एक समारोह में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जहां राकांपा प्रमुख शरद पवार को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। मोदी को उनके सर्वोच्च नेतृत्व और नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है, जिसमें एक स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र शामिल है। आयोजकों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आयोजकों ने कहा कि शरद पवार को मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में आमंत्रित किया गया है, जबकि उनके भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी आमंत्रित लोगों में शामिल हैं। ट्रस्ट के प्रमुख दीपक तिलक ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट (हिंद स्वराज संघ) लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्यतिथि पर एक अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेगा।इसमें कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा के तहत प्रधानमंत्री के सर्वोच्च नेतृत्व में भारत प्रगति की सीढ़ी चढ़ गया। विज्ञप्ति में कहा गया, ‘पीएम मोदी ने नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाई और भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया। उनकी दृढ़ता और प्रयासों को ध्यान में रखते हुए और उनके काम पर प्रकाश डालते हुए तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने सर्वसम्मति से उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना है।
‘अन्य आमंत्रितों में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शामिल हैं। गौरतलब है कि अजित पवार और राकांपा के आठ विधायक दो जुलाई को शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शरद पवार ने पीएम मोदी को राकांपा नेताओं के ‘भ्रष्टाचार’ के बारे में उनकी हालिया टिप्पणी की याद दिलाई और उनसे दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा।शरद पवार ने कहा था, ‘ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने राकांपा और उन सभी लोगों को दोषमुक्त कर दिया है जिनके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाए थे।
मुझे आज खुशी है कि उन्होंने राकांपा के कुछ सहयोगियों को कैबिनेट में जगह दी। यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आरोप तथ्यात्मक नहीं थे। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार हूं।’27 जून को भोपाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने कहा था कि राकांपा के खिलाफ लगभग 70,000 करोड़ रुपये के घोटालों के आरोप हैं, जिसमें महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला, सिंचाई घोटाला और अवैध खनन घोटाला शामिल है। 2016 में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि शरद पवार ने गुजरात की राजनीति में अपने शुरुआती दिनों के दौरान उनका हाथ थामा था।