यूक्रेन में फंसे केरल के दो युवक जल्द लौटेंगे वतन

विदेशों में नौकरी दिलाने की आड़ में भारतीयों को जबरन रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में उतारा जा रहा है। ऐसे ही लालच में आए केरल के चार युवक यूक्रेन में फंस गए हैं। हालांकि, अब चार में से दो युवक जल्द ही अपने परिवार के पास होंगे। दरअसल, भारत सरकार लगातार अपने लोगों को वापस लाने की कोशिश में जुटी है। 

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने मंगलवार शाम को बताया कि भारतीय दूतावास रूस से दोनों व्यक्तियों के लौटने के लिए उनके दस्तावेज तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वह जल्द ही घर लौट आएंगे।
अत्तिंगल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे मुरलीधरन ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय उन्हें वापस लाने के लिए रूसी सरकार से बातचीत कर रहा है। आश्वस्त रहिए, हम उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।’

हाल ही में हुआ था नेटवर्क का भंडाफोड़
गौरतलब है, सीबीआई ने हाल ही में एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। अधिकारियों ने बताया था कि राजस्थान में रहने वाले रूसी एजेंट भारतीय युवकों को रोजगार का लालच देकर उन्हें रूस भेजने में मदद करते थे। रूस पहुंचने वाले भारतीयों के पहले पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते और बाद में उन्हें सशस्त्र बलों के साथ लड़ने के लिए मजबूर किया जाता था।

केरल के चार युवकों भी दिया ऐसा ही लालच
ऐसा ही एक और मामला केरल से सामने आया था। केरल के चार युवकों को पहले रूस की सेना में नौकरी देने का लालच दिया गया था, जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष में लड़ने के लिए मजबूर किया गया। बाद में चारों शख्स युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंस गए।

परिवार ने किया खुलासा
चारों लोगों के परिवार ने बताया कि एक एजेंसी ने 2.5 लाख रुपये के वेतन का लालच देकर उन्हें रूस भेज दिया था। फिर वहां पहुंचने पर उनके पासपोर्ट और मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए और उन्हें यूक्रेन की जमीन पर रूसी सेना की तरफ से लड़ने के लिए मजबूर किया गया। एक शख्स की मां ने बताया कि उन्हें तब पता चला, जब बेटा युद्ध में घायल हो गया और घर पर फोन करने में कामयाब रहा। 

रूस से चल रही बातचीत
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा था कि इस मामले के बारे में सरकार को पता है। रूस से बातचीत चल रही है कि जो भारतीय घर वापस आना चाहते हैं, उन्हें तुरंत घर भेजा जाए। इसके अलावा, हम विभिन्न स्तरों पर चर्चा के दौरान इस बात को दृढ़ता से रख चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया था कि रूस जाने वाले कई लोगों ने आधिकारिक माध्यमों का सहारा न लेकर फर्जी एजेंसियों की मदद ली। उन्होंने कहा था कि ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है और कुछ मामलों में कार्रवाई भी की गई है।

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