उमेश पाल हत्याकांड: अतीक अहमद के भाई अशरफ की मदद करने वाला एक और सिपाही गिरफ्तार

बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से अवैध तरीके से उसके गुर्गों की मुलाकात करने के मामले में एसआईटी लगातार गिरफ्तारी कर रही है। अब एसआईटी ने पीलीभीत जेल के आरक्षी मनोज गौड़ को गिरफ्तारी की है। मनोज एक महीने पहले तक बरेली जिला जेल में तैनात था। 

मनोज इससे पहले पकड़े गए बरेली जेल के आरक्षी शिवहरि अवस्थी के साथ मिलकर प्रयागराज से आने वाले गुर्गों की बिना पर्ची के अशरफ से जेल में अलग जगह ले जाकर मुलाकात करवाता था। सर्विलांस रिकॉर्ड में उसका नंबर मिलने के बाद कई और सबूत जुटाकर सोमवार को उसकी गिरफ्तारी की गई।

सात मार्च को बरेली जिला जेल में तैनात सिपाही शिवहरि अवस्थी और जेल में सब्जी की सप्लाई करने वाले नन्हे उर्फ दयाराम को एसओजी और सर्विलांस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद जेल में अशरफ से मुलाकात करने वाले दो गुर्गों की गिरफ्तारी हुई। 

सिपाही शिवहरि पर आरोप है कि वह जेल में बिना पर्ची के अशरफ की मुलाकात उसके गुर्गों से अलग करवाता था। उसके गुर्गों से रुपये लेकर अशरफ तक पहुंचाता था। वहीं नन्हे पर आरोप है कि वह खाने-पीने की चीजें अशरफ तक पहुंचाता था। अब तक इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 

एसआईटी कर रही है मामले की जांच 

अशरफ से जेल में मुलाकात करने वाले गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। इनमें अशरफ, उसका का साला सद्दाम और उसका साथी लल्ला गद्दी भी शामिल है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। सद्दाम और लल्ला गद्दी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिशें दे रही हैं। 

जेल में अशरफ से मिले थे शूटर 

प्रयागराज पुलिस ने एनकाउंटर और गिरफ्तारियों के बाद ही खुलासा कर दिया था कि उमेश पाल की हत्या की योजना साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ ने बनाई थी। शूटरों ने 10 और 11 फरवरी को बरेली जेल में अशरफ से मुलाकात की थी। इनमें विजय चौधरी उर्फ  उस्मान, गुलाम और अजहर समेत नौ लोग शामिल थे। 

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