पंजाब में टीकाकरण प्रभावित: सिर्फ 5.35 प्रतिशत लोग ही सुरक्षित, ली दोनों खुराकें

कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच टीकाकरण को लेकर अच्छी खबर नहीं है। टीकाकरण की धीमी रफ्तार के कारण पंजाब में महज 5.35 प्रतिशत लोग ही सुरक्षित हो पाए हैं। 17.62 लाख लोग ही कोरोना टीके की दोनों खुराकें ले पाए हैं। पंजाब सरकार ने टीकाकरण की धीमी रफ्तार के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने केंद्र से पंजाब में टीके की आपूर्ति बढ़ाने को कहा है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने निकट भविष्य में कोरोना वायरस के संभावित मामलों में होने वाली वृद्धि को रोकने के लिए राज्य सरकार की टीकाकरण मुहिम को और बढ़ावा देने की जरूरत बताई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब में अब तक 94,79,351 व्यक्तियों को टीका लगाया जा चुका है, जिनमें से 77,16,433 ने पहली खुराक ली है। 17,62,918 ने दोनों खुराकों के साथ टीकाकरण पूरा कर लिया है। 

उन्होंने बताया कि पंजाब को कोविड-19 टीके की भाजपा शासित राज्यों से कम सप्लाई मिल रही है। केंद्र सरकार को कई बार टीके की आपूर्ति में तेजी लाने की अपील की है लेकिन अभी तक केंद्र के द्वारा आपूर्ति में तेजी नहीं की गई है। इसके कारण राज्य के लोग टीके के अभाव में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पंजाब में टीके की दोनों खुराक वाले लोगों की संख्या सिर्फ 5.35 फीसदी है। इसलिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के अलावा कोविड-19 की तीसरी लहर से बचने के लिए केंद्र सरकार को टीके की सप्लाई बढ़ाने की जरूरत है जिससे पूरी आबादी को कवर किया जा सके।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर का डर बढ़ता जा रहा है, जिसके मद्देनजर कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पहले ही बड़ी संख्या में मामलों से निपटने के लिए तैयार है। पंजाब में संक्रमण की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया है।

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