जम्मू-कश्मीर में विस चुनाव की प्रक्रिया साल के अंत तक संभव: राजनाथ

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होना भी संभव है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 पहुंच गई है। जम्मू संभाग में अब 43 व कश्मीर संभाग में 47 सीटें हो गई हैं। 

अनुच्छेद 370 को समाप्त कर प्रदेश की तस्वीर बदली 

जम्मू के हरि निवास में शुक्रवार को महाराजा गुलाब सिंह के राजतिलक के 200 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर यहां की तकदीर और तस्वीर बदलने का काम किया।

जन हित के लिए केंद्रीय कानून तक लागू नहीं होते थे

अनुच्छेद 370 के रहते यहां पर जन हित के लिए केंद्रीय कानून तक लागू नहीं होते थे। केंद्रीय भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम तक यहां लागू नहीं था। लोगों को नागरिकता प्रमाणपत्र जारी नहीं हो पा रहे थे। भूमि कानून संशोधन भी लागू नहीं था। अनुच्छेद 370 की आड़ में ऐसा माहौल बनाया गया था, जैसे यहां रामराज स्थापित हो गया है। 

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में 120 केंद्रीय कानूनों को लागू किया गया है। पंचायती राज अधिनियम और संविधान का 73वां संशोधन लागू होने से यहां पर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था कायम की गई है। 

सात दशक में केवल 17 हजार करोड़ का निवेश आया

उन्होंने कहा, हैरानी की बात है कि जम्मू-कश्मीर में सात दशक में केवल 17 हजार करोड़ का निवेश आया, जबकि पिछले दो वर्षों में ही 38 हजार करोड़ का निवेश यहां आ चुका है। ऐसे में अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम किया है। 

भद्रवाह में हुई सांप्रदायिक घटना पर चिंता व नाराजगी जताई 

उन्होंने भद्रवाह में हुई सांप्रदायिक घटना पर चिंता व नाराजगी जताते हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों से सामाजिक ताना बाना बनाए रखने की अपील की। कहा, भद्रवाह की घटना जम्मू कश्मीर की संस्कृति के खिलाफ है। यहां पर नफरत का बीज पड़ोसी मुल्क की साजिश है। कश्मीर में लक्षित हत्याएं (टारगेट किलिंग्स) हुईं। पड़ोसी मुल्क की साजिश को हम नाकाम करेंगे। इसके लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी एकजुट होना होगा। 

विस्थापितों के कल्याण के लिए अहम कदम उठाए

राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने विस्थापितों के कल्याण के लिए अहम कदम उठाए हैं। पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों के प्रति परिवार को एकमुश्त साढ़े पांच लाख रुपये का पैकेज दिया गया। पीओजेके और छंब के विस्थापितों को भी प्रति परिवार साढ़े पांच लाख की राशि दी गई है। कश्मीरी पंडित विस्थापितों को दी जानी वाली मासिक सहायता राशि बढ़ाई गई है औैर कश्मीर में उनके लिए पारगमन शिविर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा, दोबारा किसी को विस्थापन का दंश न झेलना पड़े, इसके लिए मोदी सरकार जरूरी कदम उठा रही है। 

महाराजा ने भारत की सीमाएं बढ़ाईं 

राजनाथ सिंह ने महाराजा गुलाब सिंह को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की सीमाओं को अपने पराक्रम के बल पर गिलित बाल्टीस्तान और रूस की सीमाओं तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि गिलगित बाल्टीस्तान अब पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। पाकिस्तान के संविधान में गिलगित बालटीस्तान का जिक्र तक नहीं है, जबकि भारतीय संविधान में गिलगित बाल्टीस्तान भारत का अभिन्न अंग हैं। 

370 ने अलगाववादी ताकतों को मजबूती दी

राजनाथ ने कहा, डोगरा शासन काल में अलगाववादी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं थी। अनुच्छेद 370 की वजह से अलगाववादी ताकतों को पनाह मिली। उन्होंने प्रजा परिषद और जन संघ के आंदोलन का जिक्र  करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत कई नेताओं व कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया।  2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अनुच्छेद 370 की समाप्ति को चुनाव घोषणा पत्र में अहम मुद्दा बनाया और सत्ता मिलने पर इसे समाप्त कर पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का काम किया।

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