क्यूं बिदकते हैं ईडी से विपक्षी नेता ?

5 अप्रैल, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उन 14 राजनीतिक दलो के नेताओं की याचिका खारिज कर दी जिन पर ई.डी, सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग या ऐसे ही गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज किए हुए हैं। ये मुकदमें नेताओं पर भी हैं या उनके चहेतों पर दर्ज हैं। इन नेताओं का कहना था कि ई.डी व सी.बी.आई बदले की भावना से इन्हें झूठा फंसा रही है अत: सुप्रीम कोर्ट इन लोगों को गिरफ्तार न करने, जमानत देने व रिमांड पर न लेने के लिए दिशा निर्देश जारी करे। अदालत ने कहा कि नेता होने के कारण उन्हें अलग से अदालती संरक्षण नहीं दिया जा सकता, अदालत की नज़र में नेता व जनता दोनों बराबर हैं।

शीर्ष न्यायलय के समझ विभिन्न गम्भीर अपराधों में लिप्त आरोपी बनाये गए लोगों की दाल नहीं गली किन्तु वे ई.डी व सी.बी.आई को अब भी निशाना बनाये हुए हैं। विपक्षी नेताओं के कुप्रचार अभियान के बीच जांच एजेंसियों का अपना काम जारी है।

ई.डी. को पक्षपाती व झूठा बता कर जांच एजेंसियों के विरुद्ध बने संयुक्त मोर्चे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी शामिल हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन के उत्तराधिकारी हैं। शिबू सोरेन हत्याओं तथा अन्य संगीन अपराधों में गिरफ्तार भी हुए, जेल में भी रहे और अपीलों में दोषमुक्त भी हुए। कई बार झारखंड के मुख्यमंत्री, केन्द्र में कोयला मंत्री बने और हटे। वंशवादी राजनीति के चलते अपनी गद्दी बेटे हेमन्त सोरेन को सौंप दी। अब वे अपने पिता के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में झारखंड के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित कर रहे है। जिस प्रकार संगीन अपराधों में संलिप्तता के आरोपों के कारण शिबू सोरेल विवादों के धेरों में रहे वैसे ही उनके सुपुत्र पर भी अवैध खनन घोटाले, मनरेगा घोटाले, मनी लांड्रिंग आदि के आरोप हैं जिनकी जांच ई.डी कर रही है। हेमन्त सोरेन की विश्वासपात्र आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल सहित मुख्यमंत्री सचिवालय के कई वरिष्ठ अधिकारी व कोयला कारोबारी गिरफ्तार हो चुके हैं। उनके कब्जे से ई.डी ने करोड़ों रुपयों की नकदी व बड़ी मात्रा में सोना, जेवरात तथा अकूत सम्पत्ति बरामद की है। 27 मार्च को ई.डी ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से घोटालों के संबंध में गहन पूछताछ‌ की थी।

विपक्षी हमलों के बीच ई.डी जांच अभियान जारी है। ई.डी को शिकायत मिली है कि खनन घोट ले में जेल में बन्दी हेमन्त सोरेन का विश्वस्त पंकज मिश्रा जेल से ही अवैध खनन करा रहा है। ई.डी टीम ने साहिबगंज इलाके को नींबू पहाड़ क्षेत्र में खनन के पुख्ता प्रमाण प्राप्त किये हैं। ड्रोन से कराई जांच में पहाड़ पर जगह जगह सुराखों में विस्फोटक मिले। पहाड़ों के पास वाहनों के टायरों के निशान और प्रयुक्त हुए तथा गैर इस्तेमाल शुदा विस्फोटक मिले। जेल में रहते हुए पंकज मिश्रा को बाहरी लोगों से मिलने जुलने की पूर्ण सुविधा है। वह मिलने आए लोगों के फोन से बाहरी लोगों से खूब बात करता रहता है।

जब ई.डी या सी.बी.आई ऐसे रसूखदार लोगों पर कार्यवाही करेगी तो उनके सरपस्त नेता जांच एजेंसियों और सरकार की प्रशंसा नहीं कर सकते, सिर्फ गालियां देंगे और झूठा प्रचार कर जनता को भरमायेंगे ही।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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