सरकार पर 155.8 लाख करोड़ का कर्ज, यह जीडीपी का 57.3 फीसदी

केंद्र सरकार पर 155.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। मार्च 2023 तक के आंकड़े रखते हुए उन्होंने बताया कि यह कर्ज फिलहाल देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में 57.3% के बराबर है। हालांकि, इसमें से विदेशी कर्ज सिर्फ 7.03 लाख करोड़ रुपये है, जो जीडीपी के 2.6 % के करीब है।

वहीं, देश के कुल कर्ज में बाहरी (विदेशी) कर्ज करीब 4.5 फीसदी है। यह जीडीपी के 3.1% के बराबर है। बाहरी कर्ज का बड़ा हिस्सा रियायती दरों पर द्विपक्षीय एजेंसियों के बीच हुए समझौतों के तहत लिया गया है। कर्ज के जोखिम की स्थिति के लिहाज से देखें, तो देश की वित्तीय स्थिति सुरक्षित है।

अर्थव्यवस्था को सुरक्षित बनाया
सीतारमण ने बताया कि विनिमय दर की अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक आघातों के प्रभावों से भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने सरकार के परामर्श से हाल ही में विदेशी मुद्रा फंडिंग के स्रोतों में विविधता लाने और विस्तार करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। विदेशी मुद्रा अनिवासी-बी खातों पर ब्याज दर नियमों में छूट के साथ स्वतः संचालित बाहरी उधार की सीमा को बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर किया गया है।

शीर्ष-10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत व जापान में तेज वृद्धि
वहीं, दुनिया की शीर्ष-10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत और जापान तेजी से बढ़ रहे हैं। इन दोनों की जीडीपी कोरोना पूर्व स्तर से ज्यादा तेज से बढ़ी है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक, 94 देशों की अर्थव्यवस्था कोरोना पूर्व स्तर से भी नीचे जा चुकी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में शीर्ष 10 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से अमेरिका, चीन, जर्मनी, यूके, फ्रांस, कनाडा, इटली और ब्राजील जैसे आठ देश महामारी के पूर्व स्तर से भी कम प्रदर्शन कर सकते हैं। चैंबर ने 2019, 2020, 2021 व 2022 के विकास दर और 2023 के अनुमानों के आधार पर अध्ययन किया है। एजेंसी

सात फीसदी रह सकती है विकास दर: वित्त मंत्रालय
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश की आर्थिक वृद्धि दर 2022-23 में 7% रह सकती है। खुदरा महंगाई भी घटेगी। वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, उच्च सेवा निर्यात से हुए लाभ, क्रूड में नरमी और आयात आधारित खपत मांग में कमी से देश का चालू खाते का घाटा 2022-23 और 2023-24 में कम हो सकता है।

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