भजन गायक नरेंद्र चंचल का 80 वर्ष की उम्र में निधन

80 वर्षीय भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हुआ। वो पिछले तीन महीने से बीमार थे। उन्होंने राज कपूर की फिल्म बॉबी में ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ गाना गाया। उन्हें फिल्म ‘आशा’ के भजन ‘चलो बुलावा आया है’ से पहचान मिली। उनके शरारती स्वभाव के चलते लोग उन्हें ‘चंचल’ कहकर बुलाते थे। बाद में उन्होंने अपने नाम के साथ हमेशा के लिए चंचल जोड़ लिया।

अमृतसर में हुआ था जन्म
बता दें, नरेंद्र चंचल का जन्म 16 अक्टूबर 1940 को अमृतसर के नमक हांडी में हुआ था. उनका बचपन बहुत ही धार्मिक वातावरण बीता. काफी संघर्ष के बाद उन्हें बॉलीवुड में काम मिला. उन्होंने बॉबी, बेनाम और रोटी कपड़ा और मकान जैसी कई फिल्मों में भी गाने गाए थे.
नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही अपनी मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते हुए सुना. मां के भजनों को सुन-सुनकर उन्हें भी संगीत में रुचि होने लगी. नरेंद्र चंचल की पहली गुरु उनकी मां थीं. इसके बाद चंचल ने प्रेम त्रिखा से संगीत सीखा, फिर वह भजन गाने लगे थे.

वैष्णो देवी के भक्त थे नरेंद्र चंचल
बॉलीवुड में उनका सफर राज कपूर के साथ शुरू हुआ. फिल्म ‘बॉबी’ में उन्होंने ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ गाया था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गाने गाए, लेकिन उन्हें पहचान मिली फिल्म ‘आशा’, में गाए माता के भजन ‘चलो बुलावा आया है’ से जिसने रातों रात उन्हें मशहूर बना दिया.
रेंद्र चंचल की बायोग्राफी भी आई थी. इसका नाम Midnight Singer है. उन्होंने अपनी बायोग्राफी Midnight Singer में अपने सफर के बारे में सबकुछ लिखा था. वो हर साल 29 दिसंबर को वैष्णो देवी भी जरूर जाया करते थे. वहां जाकर वे कार्यक्रम भी करते थे, लेकिन इस साल वे नहीं जा सके. 

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