प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि को बाघम्बरी मठ में समाधि दे दी गई. इस दौरान 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. इससे पहले बाघम्बरी मठ में दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि को संत समाज के रीति रिवाजों के तहत भू समाधि दी गयी. उन्हें बैठी हुई मुद्रा में समाधि दी गयी. मठ में बड़ी संख्या में इस दौरान साधु-संत मौजूद रहे. भू समाधि से पहले महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को संगम ले जाया गया. संगम में महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को स्नान कराया गया.
सोमवार को फंदे से लटकता हुआ शव मिला था
आपको बता दें कि, महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को मठ में उनके कमरे के भीतर फांसी से लटकता हुआ मिला था. वहीं, इससे पहले महंत नरेंद्र गिरि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम में नरेंद्र गिरि की मौत की वजह फांसी लगना बताई गई है. आगे की जांच के लिए बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है.
SIT बनाई गई
गौरतलब है कि, महंत नरेंद्र गिरि की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी. महंत गिरि की मृत्यु मामले की जांच के लिए मंगलवार को 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और हरिद्वार में संत के एक शिष्य को हिरासत में ले लिया. इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, महंत की मृत्यु से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
सुसाइड नोट में तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया
महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने मठ के एक कमरे में मृत पाए गए थे. पुलिस के मुताबिक, गिरि ने कथित तौर पर पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें महंत ने लिखा है कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने एक शिष्य से व्यथित हैं. महंत गिरि ने अपने कथित सुसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.