कॉरपोरेट क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरी के लिए सरकार ने अहम चेतावनी जारी की है। सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर वायरल हो रहे उस संदेश को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है, जिसमें वित्तीय विवरण और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने का दावा किया जा रहा है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने साफ किया है कि ऐसा कोई भी सर्कुलर पूरी तरह भ्रामक है और सरकार की ओर से इस तरह की कोई राहत घोषित नहीं की गई है।

फर्जी सर्कुलर से फैला भ्रम

हाल के दिनों में 26 दिसंबर 2025 की तारीख वाला एक कथित दस्तावेज विभिन्न प्रोफेशनल ग्रुप्स में तेजी से साझा किया गया। इसे “सामान्य परिपत्र संख्या 08/2025” बताया गया, जिसमें दो बड़े दावे किए गए थे। एक ओर कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत देरी से फाइलिंग पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क को माफ करने की बात कही गई, वहीं दूसरी ओर फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ाने का दावा किया गया। साल के अंत में कॉरपोरेट फाइलिंग का दबाव अधिक होने के कारण यह संदेश तेजी से फैल गया और कई लोगों को गुमराह कर गया।

मंत्रालय ने किया स्पष्ट

मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के जरिए स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने दो टूक कहा कि वित्तीय विवरण या वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के लिए न तो कोई नई समय-सीमा बढ़ाई गई है और न ही अतिरिक्त शुल्क में किसी तरह की छूट दी गई है। मंत्रालय के अनुसार, वायरल हो रहा कथित परिपत्र पूरी तरह फर्जी है।

आधिकारिक स्रोत से ही लें जानकारी

एमसीए ने सभी कंपनियों, पेशेवरों और हितधारकों को आगाह किया है कि वे ऐसे भ्रामक संदेशों के आधार पर कोई निर्णय न लें। गलत सूचना के चलते फाइलिंग में देरी करने पर भारी जुर्माना और कानूनी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि किसी भी नोटिफिकेशन या सर्कुलर की पुष्टि केवल आधिकारिक वेबसाइट mca.gov.in पर प्रकाशित सूचनाओं से ही करें। फॉरवर्ड किए गए संदेशों पर भरोसा करने से पहले उन्हें आधिकारिक अधिसूचनाओं से अवश्य मिलान करें।