छत्तीसगढ़ विधानसभा: नग्न प्रदर्शन को लेकर सदन में हंगामा

मुख्य सचिव अमिताभ जैन प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ की गई अब तक की कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। एससी और एसटी विभाग के सचिव डी.डी. सिंह ने 16 विभागों को पत्र जारी किया है। समीक्षा बैठक 20 जुलाई को होगी। सभी अफसरों को शामिल होने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्हें फर्जी दस्तावेज के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी साथ में लाने का निर्देश दिया गया है। राजधानी रायपुर के विधान सभा क्षेत्र में हुए निर्वस्त्र प्रदर्शन के बाद सरकार ने इस मामले में यह कदम उठाया है। 

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही रायपुर में विधानसभा रोड पर एससी-एसटी युवाओं ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया। युवाओं ने विधानसभा को घेरने की भी कोशिश की थी। आमासिवनी के पास फर्जी आरक्षण प्रमाणपत्रों का आरोप लगाते हुए करीब 12 युवाओं ने पूरी तरह नग्न होकर सड़क पर प्रदर्शन किया। युवाओं ने फर्जी आरक्षण प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वालों का विरोध किया। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने आरक्षित वर्ग के जनप्रतिनिधियों से मामले में चुप्पी तोड़ने की मांग की है। पुलिस ने इस मामले में 29 प्रदर्शनकारी युवाओं को गिरफ्तार किया है। सभी पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। 

निर्वस्त्र प्रदर्शन के मामले से मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में बवाल मच गया। इस मामले को लेकर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली घटना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसी स्थिति क्यों बनी। इस पर कांग्रेस मंत्री शिव डहरिया ने पलटवार करते हुए कहा कि यह आप लोगों के द्वारा किए गए पाप हैं। भाजपा शासन में फर्जी नियुक्ति की, जिसके बाद 15 साल तक भाजपा ने फर्जी काम किए। मंत्री के इस बयान के बाद सदन में मौजूद बीजेपी नेताओं ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई करना चाहिए, न कि प्रदर्शनकारी युवाओं पर। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार युवाओं को निर्वस्त्र प्रदर्शन करने पर मजबूर करे, इससे हम सभी शर्मसार हुए हैं। इस मामले पर धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को तुरंत जेल से रिहा किया जाए। इस मामले पर हाई पावर कमिटी से जांच कराई जाए। 

जैजैपुर विधानसभा से बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि जब कोई साधु नग्न होकर आता है तो उसकी पूजा की जाती है, लेकिन एक युवा अपने हक की बात करने के लिए आता है तो उस पर कार्रवाई होती है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस प्रदर्शन को लेकर कहा कि यह संवेदनशील मामला है। इस मामले को राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए। छत्तीसगढ़ का व्यक्ति इससे संकोची होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा आंदोलन क्यों करना पड़ा, इस मामले को लेकर चीफ सेक्रेटरी और विभाग के अधिकारियों की हाई पावर कमिटी बनाई जाए। इस मामले पर पूर्ण रूप से जांच की जाए। इसके बाद सदन में मामले को लेकर हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही को रोकना पड़ा।

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