पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी सीमा तनाव के बीच दोनों देशों के प्रतिनिधि आज कतर की राजधानी दोहा में शांति वार्ता के लिए मिलेंगे। यह बैठक उस समय हो रही है, जब हाल ही में सीमा पार झड़पों और हवाई हमलों के कारण दोनों देशों के रिश्तों में फिर से तनाव बढ़ गया है।
इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी थी कि वह शांति और अशांति में से किसी एक का रास्ता चुने। उन्होंने तालिबान शासन से कहा कि वह पाकिस्तान के भीतर आतंकी हमलों में शामिल संगठनों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करे।
दूसरी ओर, तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की हवाई कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अफगानिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जवाब देने का अधिकार रखता है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोहा पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि इस्लामी अमीरात शांति और संवाद के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हालिया घटनाएं पाकिस्तान की आक्रामकता का परिणाम हैं।
मुजाहिद ने यह भी बताया कि वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के नागरिक इलाकों पर एक बार फिर हवाई हमले किए, जिनमें कई लोगों के मारे जाने और घायल होने की खबर है। तालिबान ने इन हमलों को अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
टोलो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और खुफिया प्रमुख असीम मलिक की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल दोहा पहुंच गया है। वहीं, कंधार के अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर हुई झड़पों और पाकिस्तानी गोलाबारी की वजह से स्पिन बोल्दक इलाके से लगभग 20,000 परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। बताया गया है कि ये लोग अब रेगिस्तानी इलाकों और अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब दोहा वार्ता पर टिकी है, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने और सीमा पर स्थायी शांति बहाल करने की उम्मीद जताई जा रही है।