दुनिया के देशों के पासपोर्ट की ताकत बताने वाली प्रतिष्ठित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नई वैश्विक रैंकिंग में पाकिस्तान को एक बार फिर निराशाजनक स्थान मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी पासपोर्ट को 103वां स्थान मिला है, जिससे यह दुनिया के चौथे सबसे कमजोर पासपोर्टों में शुमार हो गया है।

रैंकिंग के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिक अब भी केवल 31 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। यह स्थिति बीते चार वर्षों से लगभग अपरिवर्तित बनी हुई है। पाकिस्तान से नीचे केवल इराक (104वां), सीरिया (105वां) और अफगानिस्तान (106वां) हैं। अफगान पासपोर्ट धारक मात्र 24 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।

एशियाई देशों का दबदबा कायम
इस साल की सूची में एशियाई देशों ने एक बार फिर शीर्ष स्थानों पर कब्जा जमाया है। सिंगापुर ने लगातार अपनी स्थिति बनाए रखते हुए दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट हासिल किया है। इसके नागरिक 193 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। दक्षिण कोरिया 190 देशों की वीजा-फ्री पहुंच के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि जापान 189 गंतव्यों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

यूरोपीय देशों में जर्मनी, इटली, लक्जमबर्ग, स्पेन और स्विट्जरलैंड संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर हैं, जबकि ऑस्ट्रिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम और डेनमार्क जैसे देश पांचवें पायदान पर रहे।

अमेरिका और ब्रिटेन की रैंकिंग में गिरावट, भारत भी नीचे फिसला
हेनले इंडेक्स के इस संस्करण में अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों की स्थिति में भी गिरावट दर्ज की गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 से बाहर हुआ है और अब यह 12वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि ब्रिटेन 8वें स्थान पर फिसल गया है।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने पासपोर्ट की ताकत बढ़ाई है और अब यह 8वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं, चीन 64वें स्थान पर खिसक गया है।

भारत की स्थिति भी इस बार कमजोर हुई है। भारतीय पासपोर्ट धारकों को अब केवल 57 देशों में ही वीजा-मुक्त या ऑन-अराइवल वीजा की सुविधा मिलती है। भारत की रैंकिंग गिरकर 85वें स्थान पर आ गई है, जबकि पिछले साल यह 80वें स्थान पर था।