बांग्लादेश में 2026 के आम चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री और आवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने अब यूनुस सरकार के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। हसीना की पार्टी ने आरोप लगाया है कि पिछले 14 महीनों में उसके करीब 400 कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या की गई, जबकि हजारों समर्थकों को बिना मुकदमे के जेलों में बंद रखा गया है।

आवामी लीग की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि 25 नेताओं की मौत पुलिस हिरासत में हुई है और लगभग 12 हजार कार्यकर्ता अब भी बंदी हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ न तो आरोप पत्र दाखिल किए जा रहे हैं और न ही उन्हें जमानत दी जा रही है।

इस कदम से बांग्लादेश की मौजूदा यूनुस सरकार सकते में है। अब तक सरकार की ओर से हसीना और उनके समर्थकों पर कार्रवाई की बात की जा रही थी, लेकिन ताज़ा आरोपों ने राजनीतिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।

शेख हसीना ने अपने हालिया इंटरव्यू में कहा कि उनकी पार्टी को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आवामी लीग को चुनाव लड़ने से रोका गया, तो उनके समर्थक शांत नहीं बैठेंगे।

यूनुस सरकार ने हसीना के आरोपों को निराधार बताया है। चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में विपक्षी कार्यकर्ता हिंसा भड़का सकते हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला पहुंचने से बांग्लादेश की राजनीति में नए समीकरण बनने लगे हैं।

गौरतलब है कि शेख हसीना पर स्वयं भी करीब 1,400 मामलों में हत्या और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप चल रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में उनकी यह शिकायत देश की राजनीति को नया मोड़ देती दिख रही है।