इस्लामाबाद/काबुल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर एक बार फिर तनाव गहराता जा रहा है। हाल ही में हुए भीषण संघर्ष और गोलीबारी के बाद अब पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि अफगान सीमा के पास हुए आत्मघाती हमले में उसके सात सैनिक मारे गए हैं। यह घटना उस समय हुई, जब दोनों देशों के बीच युद्धविराम की स्थिति पहले से ही नाजुक बनी हुई है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह आत्मघाती हमला अफगान सीमा के नजदीक स्थित एक सैन्य ठिकाने पर हुआ। हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तान ने इसके पीछे अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी नेटवर्कों का हाथ बताया है।

दोनों पक्षों के दावे अलग-अलग
सीमा पर हाल में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले के आरोप लगाए हैं। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि संघर्ष के दौरान उसने करीब 40 हमलावरों को मार गिराया। वहीं, अफगान तालिबान बलों ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया और उसकी कई चौकियों तथा हथियारों पर कब्जा किया है।

सऊदी और कतर की मध्यस्थता से सीजफायर, लेकिन तनाव बरकरार
कई दिनों की लड़ाई के बाद सऊदी अरब और कतर की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच अस्थायी सीजफायर लागू किया गया। हालांकि, सीमा क्षेत्रों में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान ने अफगान तालिबान प्रशासन से उन आतंकी संगठनों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, जो उसके अनुसार अफगानिस्तान की जमीन से पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं।

शहबाज शरीफ ने दी बातचीत की पेशकश
तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि यदि अफगानिस्तान इस्लामाबाद की “उचित शर्तों” को स्वीकार करता है, तो पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपने सैनिकों की सुरक्षा और सीमाई स्थिरता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करेगा।

विश्लेषकों का कहना है कि हालिया संघर्ष ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहले से मौजूद अविश्वास को और गहरा कर दिया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहता है कि काबुल और इस्लामाबाद बातचीत के ज़रिए सीमा विवाद का समाधान तलाशें।