अमेरिका ने एक बार फिर ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए मंगलवार को पूर्वी प्रशांत महासागर में एक संदिग्ध नौका पर घातक हमला किया। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए बताया कि नौका पर सवार दो लोगों की मौत हो गई। यह ट्रंप प्रशासन के चल रहे ड्रग-विरोधी अभियान की 16वीं बड़ी कार्रवाई है। अब तक इस अभियान में कम से कम 66 लोगों की जान जा चुकी है।
हेगसेथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जो भी अमेरिका में नशे का जहर फैलाने की कोशिश करेगा, हम उसे और उसकी नौकाओं को खत्म कर देंगे।” उन्होंने सोशल मीडिया पर हमले का वीडियो भी साझा किया, जिसमें नौका हवा में उछलते और आग की लपटों में घिरी दिखाई दी।
ट्रंप ने किया अभियान का बचाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस अभियान को सही ठहराते हुए कहा कि देश ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ ‘सशस्त्र संघर्ष’ की स्थिति में है। उन्होंने दावा किया कि इन नौकाओं का संचालन विदेशी आतंकी संगठनों द्वारा किया जा रहा है, हालांकि प्रशासन की ओर से इस दावे के ठोस सबूत अब तक पेश नहीं किए गए हैं।
दोनों प्रमुख दलों—रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक—के सांसदों ने इस अभियान के कानूनी आधार और उसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए अधिक जानकारी मांगी है।
कैरिबियाई क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य गतिविधि तेज
इसी बीच, अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस जेराल्ड आर. फोर्ड भूमध्य सागर से रवाना होकर कैरिबियाई क्षेत्र की ओर बढ़ गया है। उसके साथ कई विध्वंसक जहाज भी तैनात किए गए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह कदम लैटिन अमेरिका में अमेरिका की सैन्य मौजूदगी को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा है।
सूत्रों ने बताया कि यूएसएस बैनब्रिज नामक विध्वंसक जहाज पहले ही अटलांटिक महासागर में प्रवेश कर चुका है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पूरे स्ट्राइक ग्रुप के सभी जहाज कैरिबियाई क्षेत्र तक जाएंगे या नहीं।