समाज को जोड़ने वाली आरती में शामिल होने पर फतवा जारी होता है, तो मैं फतवे को नहीं मानता: नसीमुद्दीन

समाज को जोड़ने वाली आरती में शामिल होने पर यदि फतवा जारी होता है तो मैं ऐसे फतवे को नहीं मानता हूं। यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी का। बुधवार को संभल के ऐंचोड़ा कंबोह में आयोजित कल्कि महोत्सव में शामिल होने आए कांग्रेस नेता ने गणेश वंदना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने श्रीमद् भागवत गीता और वेद भी पढ़कर सुनाए। इसके बाद आरती में शामिल हुए। 

कांग्रेस नेता ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि समाज को जोड़ने वाली आरती में अगर शामिल होने से फतवा जारी होता है तो वह ऐसे फतवे को नहीं मानते। ज्ञान लेना गलत नहीं है। गीता, रामायण, कुरान या अन्य धार्मिक किताब में यह नहीं लिखा है कि उसे एक ही धर्म के मानने वाले पढ़ेंगे। 

आगे कहा कि वह मस्लिम हैं और नमाज भी अदा करते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि यात्रा को 2024 के चुनाव से क्यों जोड़ा जा रहा है। यात्रा भारत को जोड़ो यात्रा है। बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ यात्रा है। चुनाव तो अभी दूर हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो चुनाव से पहले वादे किए थे। वह पूरे नहीं किए और धर्म, जाति, मंदिर और मस्जिद के नाम पर भटकाया जा रहा है। भारत को तोड़ने का काम किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here