अंडमान। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को अंडमान में आयोजित कार्यक्रम में दामोदर सावरकर के गीत ‘सागर प्राण तलमाला’ की 115वीं वर्षगांठ पर देशभक्ति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह समय भारत के लिए जीने का है, मरने का नहीं, और देश को हमेशा हर चीज़ से ऊपर रखना चाहिए।
भागवत ने सावरकर को उनकी देशभक्ति के लिए याद करते हुए कहा कि हमारे समाज में कभी-कभी छोटी-छोटी बातों पर टकराव दिखते हैं, लेकिन एक महान राष्ट्र बनाने के लिए हमें सावरकर के संदेश को अपनाना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र निर्माण के लिए साधु बनने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पेशेवर बनकर अपने कर्तव्यों के साथ राष्ट्र को प्राथमिकता देना ज़रूरी है।
जाति और धर्म आधारित विभाजन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सावरकर ने कभी अपने आप को किसी विशेष जाति या राज्य से सीमित नहीं माना और हमेशा एक समग्र राष्ट्र के सिद्धांतों पर काम किया। भागवत ने यह भी कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थों को अलग रखना होगा और सिर्फ देश के हित में काम करना होगा, तभी सावरकर का सपना साकार हो सकता है।
कार्यक्रम में अंडमान के बेओदनाबाद में विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति का अनावरण भी किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री आशीष शेलार, पद्मश्री हृदयनाथ मंगेशकर, अभिनेता रणदीप हुड्डा, शरद पोंक्षे और डॉ. विक्रम संपत सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।