मोदी कैबिनेट ने 6,405 करोड़ की दो रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मंगलवार को रेलवे मंत्रालय की दो अहम दोहरीकरण परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी। इन परियोजनाओं पर कुल 6,405 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इनसे रेलवे की संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी और माल व यात्री परिवहन की व्यवस्था और मजबूत होगी।

पहली परियोजना झारखंड के कोडरमा से बरकाकाना तक 133 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के दोहरीकरण से जुड़ी है। यह रूट राज्य के प्रमुख कोयला क्षेत्रों से होकर गुजरता है और पटना व रांची के बीच तेज व कुशल रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है। इस खंड को माल और यात्री दोनों सेवाओं के लिहाज से रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि दूसरी परियोजना कर्नाटक के बेल्लारी से चिकजाजुर के बीच 185 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण की है। यह लाइन कर्नाटक के बेल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों तथा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरती है। यह क्षेत्र खनिज संसाधनों से समृद्ध है और औद्योगिक गतिविधियों की दृष्टि से इस मार्ग को अहम माना जाता है। इस प्रोजेक्ट में 19 स्टेशन, 29 बड़े और 230 छोटे पुल शामिल होंगे और यह 470 गांवों के 13 लाख लोगों को जोड़ेगी।

मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन से जुड़ी पहल

मंत्री ने बताया कि दोनों परियोजनाएं भारतीय रेलवे की दक्षता में सुधार लाने में मदद करेंगी। इन मल्टी-ट्रैकिंग योजनाओं से न केवल नेटवर्क पर भीड़ में कमी आएगी, बल्कि सेवाओं की समयबद्धता और विश्वसनीयता भी बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत और क्षेत्रीय विकास को बल देने वाले विजन के अनुरूप हैं।

यह भी बताया गया कि दोनों प्रोजेक्ट ‘पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत बहु-मॉडल कनेक्टिविटी को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम हैं। इन योजनाओं से झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कुल सात जिलों में स्थित करीब 1,408 गांवों की लगभग 28.19 लाख की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही रेलवे नेटवर्क में कुल 318 किलोमीटर की वृद्धि होगी।

रेल नेटवर्क को मिलेगा नया बल

रेल मंत्रालय के मुताबिक, इन मार्गों से कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम जैसी वस्तुओं की ढुलाई और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सकेगी। इससे भारतीय रेलवे की माल परिवहन क्षमता में 49 मिलियन टन प्रतिवर्ष (एमटीपीए) की वृद्धि होगी।

साथ ही, इन परियोजनाओं से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलवे एक ऊर्जा दक्ष और पर्यावरण अनुकूल यातायात माध्यम है। परियोजनाओं के पूरा होने से लगभग 52 करोड़ लीटर तेल आयात में कटौती और करीब 264 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो तकरीबन 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

अमरनाथ ड्यूटी: पुराने कोच मामले में चार कर्मी निलंबित

इसी बीच, अमरनाथ ड्यूटी पर तैनात जवानों के लिए भेजे गए जर्जर रेल कोच का वीडियो वायरल होने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि कोच को तुरंत बदला गया और इस लापरवाही के मामले में चार रेलवे कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

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