खतौली। शासन द्वारा जारी रकम में पालिका प्रशासन द्वारा सड़कों का ही काम प्राथमिकता से किया जाता था, जिस कारण कू ड़ा निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नही की गई थी। लेकिन अब कूड़ा निस्तारण के मद में ही शासन से भेजा जाने वाला रुपया खर्च करना पालिका प्रशासन की मजबूरी है। कू ड़े से होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए शासन ने पालिका को जमीन तलाशने के लिए हंरी झंडी दे दी है। पालिका प्रशासन नगरपालिका क्षेत्र के आसपास जमीन की तलाश करने में लग गया।
नगरपालिका क्षेत्र का विस्तार होने और नई आबादी बढ़ने के कारण कूड़ा भी बढ़ रहा है। नगर से निकलने वाले कूड़े की सफाई के लिए दर्जनों सफाई कर्मचारी लगे है। जो नगर से ट्रैक्टर ट्रालियों में कूड़ा भरकर उसे नगर से बाहर ले जाते है। यह कू ड़ा गंगनहर के किनारे पर डाला जा रहा है। इस कूड़े के निस्तारण के लिए पहले गाजियाबाद फिर मुजफ्फरनगर के प्लांट में बात की गई, लेकिन वहां ज्यादा दिन बात नही बनी। जिसके बाद कूड़ा फिर से गंगनहर पटरी पर जमा होना शुरू हो गया।
पालिका प्रशासन की माने तो पूरे नगर से हर रोज 25 टन कूड़ा निकलता है। जो गंगनहर किनारे डाला जा रहा है। इस कुड़े के निस्तारण के लिए कई बार उच्चाधिकारियों के आदेश भी आते है, लेकिन जगह की परेशानी होने के कारण पालिका प्रशासन भी बेबस नजर आता है। कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए कई बार जगह की तलाश की गई, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यह काम ठंडे बस्ते में चला गया। फिर से शासन ने कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए जमीन खरीदने की हरी झंडी दे दी है। कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए आठ से दस बीघा जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। नगरपालिका प्रशासन पालिका क्षेत्र के दस किलोमीटर के अंदर ही आबादी से जमीन की तलाश कर रहा है। नगरपालिका चेयरमैन बिलकिस ने बताया कि कू ड़ा निस्तारण के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन मिलने पर कूड़ा निस्तारण प्लांट का काम शुरू कराया जाएगा।