झारखण्ड: पुलिस की लापरवाह कार्यशैली की मिसाल सामने आई

बागबेड़ा थाना क्षेत्र के कीताडीह ग्वाला पट्टी में बुधवार दोपहर नाली विवाद पर मारपीट मामले में पुलिस ने 10 साल पहले मृत व्यक्ति को भी मारपीट और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोपी बना दिया है।

मारपीट की सूचना पर मौके पर पहुंचे एसआई जनार्दन राउत ने कीताडीह ग्वाला पट्टी निवासी ललन प्रसाद यादव, दिलीप कुमार यादव, बिनोद कुमार यादव, प्रयाग यादव, रामाशंकर यादव, मनोज यादव, अजय यादव और ब्रजेश यादव के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और अपशब्द कहने का मामला दर्ज कराया है।

आरोपी बिनोद यादव ने बताया- उनके चाचा रामाशंकर यादव की 10 साल पहले ब्रेन हेमरेज से मौत हो चुकी है। रामाशंकर का पहले कटक में इलाज कराया गया। बाद में एमजीएम में भर्ती कराया गया था। वहां 12 अक्टूबर 2011 को चाचा की मौत हुई थी। फिर भी पुलिस ने दूसरे के कहने पर उनके मृत चाचा को आरोपी बना दिया।

शुक्रवार को आरोपी दिलीप कुमार यादव ने डीएसपी (विधि-व्यवस्था) से मामले की लिखित शिकायत की है।

शिकायत में कहा गया- एसआई जनार्दन राउत ने बुधवार को घटनास्थल पर आकर गाली-गलौज की। उनका मोबाइल छिनकर ले गए। जाते-जाते धमकी भी दी। इसकी रिकॉर्डिंग भी उनके पास है।

बागबेड़ा थाना क्षेत्र के कीताडीह ग्वाला पट्टी में बुधवार को नाली विवाद पर मारपीट हुई। पुलिस को दोपहर 1.50 बजे इसकी सूचना मिली। इसके बाद एसआई जनार्दन राउत मौके पर पहुंचे।

वहां कुछ लोगों ने पुलिस को काम नहीं करने दिया। लोगों के आक्रोश के सामने पुलिस लाचार बनी रही व कुछ देर बाद बैरंग लौट गई। इस मामले में एसआई जनार्दन राउत ने 8 लोगों पर पुलिस के साथ गाली-गलौज व बदसलूकी का मामला दर्ज कराया।

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