जूनियर इंजीनियर सिविल की परीक्षा में गड़बड़ी,दर्ज होगी एफआईआर

भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग की जूनियर इंजीनियर सिविल और जेओए आईटी की तीसरी भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी हुई है। एसआईटी ने इन दोनों भर्ती परीक्षाओं में धांधली की पुष्टि कर दी है। अब इस मामले में भी अलग से विजिलेंस थाना हमीरपुर में एफआईआर दर्ज होगी। अभी तक पांच विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। जिसमें पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी, पोस्ट कोड 939 जेओए आईटी-2, पोस्ट कोड 1003 कंप्यूटर ऑपरेटर, पोस्ट कोड 1036 जूनियर ऑडिटर, पोस्ट कोड 980 कला अध्यापक शामिल हैं।

विभिन्न मामलों में विजिलेंस ने आयोग के पूर्व सचिव एवं एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर, गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, दो चरपासी मदन लाल, किशोरी लाल, दलाल संजीव कुमार, दलाल का भाई शशिपाल, उमा के दो बेटे नितिन और निखिल, नीरज कुमार, अभ्यर्थी तनु शर्मा, अजय शर्मा, सुनीता देवी, विशाल और दिनेश कुमार समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अब जिन दो नए भर्ती मामले में गड़बड़ी सामने आई है, उसमें पोस्ट कोड 970 जेई सिविल और पोस्ट कोड 817 जेओए आईटी शामिल है। इन दोनों मामलों की जांच पूरी हो गई है। इस मामले में विजिलेंस मुख्यालय शिमला से मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। अगर इन दोनों मामलों में एफआईआर होती है तो कुल सात भर्ती परीक्षाओं के मामले में न्यायालय में केस चलेगा।

उधर, पोस्ट कोड 1003 कंप्यूटर ऑपरेटर और पोस्ट कोड 1036 जूनियर ऑडिटर भर्ती पेपर लीक मामले में मंगलवार को मुख्य आरोपी उमा आजाद को हमीरपुर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 27 मार्च तक हिरासत में भेज दिया गया है। उमा आजाद को विजिलेंस ने 23 दिसंबर 2022 को घर से गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में ही हैं। उसके दोनों बेटे और दलाल संजीव कुमार भी न्यायिक हिरासत में हैं। पहले मामले में दाखिल चालान पर हमीरपुर न्यायालय 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

इधर, पोस्ट कोड 980 कला अध्यापक मामले में नामजद महिला अभ्यर्थी सुनीता देवी ने प्रदेश उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे मंगलवार को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। अब सुनीता देवी को विजिलेंस आसानी से गिरफ्तार कर सकती है।

अभी तक विभिन्न भर्ती मामलों में चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। दो अन्य भर्ती मामलों की जांच भी चल रही है। उनमें भी एफआईआर दर्ज होने की उम्मीद है। वहीं कला अध्यापक अभ्यर्थी सुनीता देवी के मामले में एसआईटी ने उच्च न्यायालय में जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा, जिसके चलते उसे अग्रिम जमानत नहीं मिली। इस मामले में संलिप्त किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here