मुजफ्फरनगर: प्रियंका गांधी बोलीं- बेटों को बॉर्डर पर भेजने वाले किसानों का अपमान हुआ

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का हल्लाबोल जारी है. इस बीच, कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी आज मुजफ्फरनगर पहुंची. किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा.

प्रियंका गांधी ने कहा कि हर नेता को अहसास होना चाहिए की जनता उस पर अहसान कर करती है, मुझे इसका पूरा अहसास है. प्रियंका गांधी ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसानों का अपमान किया गया. जो किसान अपने बेटों को देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर भेजता है उन्हें अपमानित किया गया. उन्हें देशद्रोही कहा गया, उन्हें आतंकी कहा गया. पीएम मोदी जी ने पूरे संसद में किसान आंदोलन का मजाक उड़ाया. किसानों को परजीवी कहा.

प्रियंका गांधी ने कहा कि आंदोलन के दौरान जब किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसू थे, तब पीएम मोदी मुस्करा रहे थे. प्रधानमंत्री ने गन्ना के बकाये के भुगतान का वादा किया था. पीएम ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था. आमदनी बढ़ी क्या?

प्रियंका गांधी ने पूछा कि क्या गन्ने का दाम 2017 से बढ़ा है? आप सब गन्ना किसान हैं, सरकार ने क्या गन्ने का दाम बढ़ाए. आपका बकाया कितना है? यूपी में गन्ना किसानों 10 हजार करोड़ बकाया है और पूरे देश भर के गन्ने का बकाया देखा जाए तो 15 हजार करोड़ बकाया है. बकाया अब तक पूरा नहीं किया. मगर दुनिया का दौरा करने के लिए पीएम ने दो हवाई जहाज खरीदे हैं. दो हवाई जहाजों की कीमत क्या है? इन दो हवाई जहाजों की कीमत 16 हजार करोड़ रुपये है. जबकि 15 हजार करोड़ रुपये में गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान किया जा सकता है. प्रियंका गांधी ने कहा कि गन्ना का दाम नहीं बढ़ा लेकिन तेल और बिजली की कीमत आसमान छू रही है. प्रधानमंत्री मोदी अहंकारी राजा की तरह बर्ताव करते हैं. 

विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी कांग्रेस

इससे पहले प्रियंका मथुरा की किसान पंचायत में भी शामिल होने वालीं थीं लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कैप्टन सतीश शर्मा के निधन के कारण अब इस पंचायत का आयोजन 23 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया था. बता दें कि यूपी में सियासी जमीन को दोबारा हासिल करने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश में लगी है. कांग्रेस किसानों के सहारे यूपी में अपने लिए अवसर तलाश रही है. ठीक एक साल बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में कांग्रेस किसानों को लेकर कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती है.

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