उत्तर प्रदेश। नोएडा पुलिस ने कोविड-19 महामारी के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है. हालांकि, उत्तर प्रदेश में यह पहला ऐसा मामला है जब किसी आरोपी के खिलाफ कोविड 19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने के आरोप में एनएसए लगाया गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, ‘नोएडा सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन की पुलिस ने 21 अप्रैल को एक आरोपी को 105 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था. वो इंजेक्शन को कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर के दौरान निर्धारित दरों से अधिक कीमतों पर बेच रहा था. आरोपी को उसे जेल भेज दिया गया था, साथ ही उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया गया था.’
आरोपियों के पास से जब्त किए गए इंजेक्शन की मेडिकल विशेषज्ञ द्वारा जांच की गई तो वे नकली पाए गए. नोएडा पुलिस के मुताबिक आरोपी रचित घई कुख्यात अपराधी है, जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर लोगों की जान जोखिम में डालता था. आरोपी अदालत से जमानत पाने का प्रयास कर रहा था, जिसके बाद गुरुवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई द्वारा अनुमोदन के बाद उसके खिलाफ एनएसए लगाया गया.