नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बडगाम में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) को हटाने पर विचार करने के गृह मंत्री अमित शाह के बयान को चुनावी जुमला करार दिया है। उमर ने कहा कि पिछले चुनाव के दौरान लद्दाख के लोगों से भी प्रदेश को छठी सूची में शामिल करने का वादा किया गया, लेकिन इसे अबतक पूरा नहीं किया गया। इसी तरह अब जम्मू कश्मीर में ठीक चुनाव से पहले अफस्पा हटाने का बयान दिया गया है। उमर ने कहा प्रदेश में अगर हालात सामान्य हैं तो अफस्पा को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘जब केंद्र सरकार घोषणा करती है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है और आतंकवाद और अलगाववाद समाप्त हो गया है, तो उनके पास अफस्पा को हटाने में देरी करने का कोई कारण नहीं है। उनका मानना है कि और देरी की कोई जरूरत नहीं है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं 2011 से इस दिन का इंतजार कर रहा हूं। हमने अफस्पा हटाने के लिए बहुत प्रयास किए। राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की बहाली के संबंध में लद्दाख के लोगों के साथ भी चुनाव के दौरान वादा किया गया। अब लोकसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है।