बिहार में शराबी बेटे को दिलाई सजा, कहा – नीतीश तो कर रहें हैं शराब बंदी, लेकिन लोग मानते नही

कहते हैं मां और बेटे के बीच रिश्ता बहुत ही प्यारा होता है, लेकिन बिहार के आरा में एक बेटा अपनी ही मां के खून का प्यासा हो गया है। उसने मां रमावती देवी को धमकी दी है कि, जिस दिन वह जेल से बाहर निकलेगा सबसे पहले उसे ही मार डालेगा। दरअसल, कुछ दिन पहले 25 वर्षीय आदित्य राज उर्फ बिट्टू ने शराब पीकर अपनी मां के साथ मारपीट की थी। बेटे की हरकत से तंग आकर मां ने पुलिस में शिकायत कर दी। इसी 20 दिसंबर को शराबबंदी कानून के अंतर्गत आदित्य को पांच साल की जेल की सजा अदालत ने सुनाई है। अपने बेटे से जेल में मिलने पहुंची रमावती देवी को उसने धमकी दी कि सबसे पहले वह उसे ही मार देगा।   

जान बचाने के लिए पड़ोसियों के यहां छुपती थी मां
रमावती देवी बताती हैं कि उनके सबसे छोटे बेटे आदित्य को पिछले 10 साल से शराब पीने की आदत है। जब भी वह शराब पीकर आता, घर में मारपीट करता। इससे उसके पिता बिपिन बिहारी की भी मानसिक स्थिति खराब हो चुकी है। वह आगे बताती हैं कि आदित्य उनसे हर दिन शराब पीने के लिए पैसे मांगता। जब पैसे न दो तो मारपीट करता, यहां तक कि कमरे में बंद करके गला भी दबा देता। उसके डर से कई बार वह पड़ोसियों के यहां छुप जातीं, लेकिन जब इसकी खबर आदित्य को लगती तो वह पड़ोसियों से भी मारपीट करने लगता। 

खाना तक छीनकर फेंक देता 
रमावती बताती हैं कि वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ घर की छत पर शराब पीता। शराब पीने के बाद घर में ही बोतलें रख देता, जिससे सभी का रहना तक मुश्किल हो चुका है। बताती हैं कि जब भी हम लोग खाना खाने बैठते, वह थाली छीनकर फेंक देता और पैसे मांगता। पैसे न देने पर हर मिनट 1000 रुपये बढ़ा देता। न दो तो सभी के खून का प्यासा हो जाता। 

तीसरी बार गया है जेल 
आदित्य शराब पीने की वजह से तीसरी बार जेल गया है। उसकी मां रमावती बताती हैं कि शराब की लत छुड़वाने के लिए कई जगह संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब वह ज्यादा मारपीट पर अमादा हो जाता तो पुलिस को बुलाना पड़ता। रमावती कहती हैं कि आदित्य दो बार जेल जा चुका है, लेकिन इस बार उसे पांच साल की सजा दिलवाई है। इस उम्मीद में कि उनका बेटा जेल में रहने के बाद सुधर जाएगा। 

शराबबंदी पूर्ण रूप से नहीं है
रमावती कहती हैं बिहार में शराबबंदी है, लेकिन मेरा बेटा तो रोज ही शराब पीकर घर आता था। नीतीश कुमार तो बंद किए हैं, लेकिन बेचने वाले बेच रहे हैं और पीने वाले पी रहे हैं। 

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